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ITR-3 फाइलिंग शुरू: जानिए किन निवेशकों पर लागू होंगी नई टैक्स दरें

ITR-3 फाइलिंग शुरू: जानिए किन निवेशकों पर लागू होंगी नई टैक्स दरें

आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2025-26 (वित्त वर्ष 2024-25) के लिए ITR-3 फॉर्म ऑनलाइन भरने की सुविधा शुरू कर दी है। अब करदाता इसे इनकम टैक्स की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन भर सकते हैं। विभाग ने 30 जुलाई 2025 को इसकी जानकारी सार्वजनिक सूचना के ज़रिए दी है।

यह फॉर्म उन टैक्सपेयर्स के लिए है जिन्हें व्यापार, प्रोफेशन, फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O), कमॉडिटी, इंट्राडे ट्रेडिंग, विदेशी आय या किसी फर्म में साझेदारी से आय होती है।

किन्हें भरना होगा ITR-3 फॉर्म?

ITR-3 फॉर्म का उपयोग उन व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUFs) को करना होता है जिन्हें आय किसी व्यवसाय या पेशे से होती है। इसमें वे लोग शामिल हैं:

  • जो फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस या शेयर मार्केट में एक्टिव ट्रेडिंग करते हैं
  • जिनकी आय विदेशी स्रोतों या विदेशी संपत्ति से आती है
  • जिनके पास एक से अधिक मकान हैं और वे उनसे किराया प्राप्त करते हैं
  • जो किसी फर्म में पार्टनर हैं
  • कंपनी के निदेशक के तौर पर काम कर रहे लोग
  • जिनकी कुल आय ₹50 लाख से ज्यादा है और वे व्यापार या पेशे से भी कमाते हैं
  • जो अनुमानित कराधान योजना के अंतर्गत कम आय दिखाते हैं, जैसे कि धारा 44AD, 44ADA, या 44AE के तहत

15 सितंबर तक करना होगा फॉर्म जमा

आयकर विभाग ने ITR-3 फाइल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 निर्धारित की है। यह डेडलाइन उन मामलों के लिए है जिनमें ऑडिट की आवश्यकता नहीं है। वहीं, जिन टैक्सपेयर्स के खातों का ऑडिट अनिवार्य है, उनके लिए अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2025 रखी गई है। इसके अलावा, ऑडिट रिपोर्ट 30 सितंबर तक जमा करनी होगी।

इस साल ITR-3 फॉर्म में क्या हुए बदलाव?

इस बार के ITR-3 फॉर्म में पूंजीगत लाभ (Capital Gains) से जुड़े कुछ अहम बदलाव किए गए हैं।

23 जुलाई 2024 या उसके बाद यदि आपने इक्विटी म्यूचुअल फंड या लिस्टेड शेयर बेचे हैं, तो उस पर नई टैक्स दरें लागू होंगी:

  • लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर 12.5%
  • शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) पर 20%

यदि आपने शेयर या म्यूचुअल फंड 23 जुलाई 2024 से पहले बेचे हैं, तो पुराने टैक्स रेट यानी LTCG पर 10% और STCG पर 15% लागू होंगे।

अब करदाता को यह स्पष्ट तौर पर बताना होगा कि पूंजीगत लाभ किस तारीख को हुआ, ताकि टैक्स की गणना में पारदर्शिता बनी रहे।

कैसे फाइल करें ITR-3 फॉर्म?

ITR-3 केवल ऑनलाइन मोड में ही फाइल किया जा सकता है। इसके दो तरीके हैं:

डिजिटल सिग्नेचर के साथ:

  • इस प्रक्रिया में रिटर्न जमा करते ही आपको रसीद (Acknowledgement) ईमेल के जरिए मिल जाती है।

डिजिटल सिग्नेचर के बिना:

  • रिटर्न ऑनलाइन भरने के बाद आपको ITR-V फॉर्म डाउनलोड करना होता है।
  • इस फॉर्म को प्रिंट कर के साइन करना होता है और फिर आयकर विभाग के CPC बेंगलुरु पते पर भेजना होता है।
  • यह फॉर्म फाइलिंग की तारीख से 30 दिनों के अंदर विभाग को मिल जाना चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान

  • केवल उन्हीं टैक्सपेयर्स को ITR-3 भरना है जो अन्य फॉर्म्स (ITR-1, ITR-2, ITR-4) के लिए योग्य नहीं हैं।
  • यदि आप केवल वेतनभोगी हैं और किसी पेशे या व्यापार से आय नहीं है, तो आपको यह फॉर्म भरने की जरूरत नहीं होती।
  • यदि आपने शेयर बाजार में F&O या इंट्राडे ट्रेडिंग की है, तो ITR-3 जरूरी है, भले ही मुनाफा न हुआ हो।

अन्य फॉर्म्स से अलग क्यों है ITR-3?

ITR-3 अन्य सभी इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म्स में सबसे ज्यादा डिटेल वाला फॉर्म होता है। इसमें व्यापार की पूरी बैलेंस शीट, प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट, विदेशी बैंक अकाउंट्स की जानकारी, साझेदारी से आय, टैक्स ऑडिट की डिटेल और पूंजीगत लाभ का ब्योरा देना होता है।

इसलिए अगर आपकी आय कई स्रोतों से है और वह विविध है, तो आपको यह फॉर्म भरना ही होगा। खासकर उन लोगों के लिए यह अनिवार्य है जो इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग एक्टिविटी में जुड़े हैं।

डेडलाइन मिस करने पर क्या होगा?

यदि निर्धारित तारीख (15 सितंबर 2025) तक ITR-3 फाइल नहीं किया गया, तो आपको लेट फाइलिंग पेनल्टी चुकानी पड़ सकती है। इसके अलावा, कुछ टैक्स क्रेडिट्स और लॉस सेट-ऑफ के अधिकार भी खत्म हो सकते हैं। हालांकि यह प्रक्रिया विभाग के नियमों के अनुसार ही आगे बढ़ती है।

ई-फाइलिंग पोर्टल पर स्टेप-बाय-स्टेप गाइड भी उपलब्ध

इनकम टैक्स विभाग ने अपने ई-फाइलिंग पोर्टल पर ITR-3 भरने के लिए एक विस्तृत गाइड भी उपलब्ध कराई है। यहां पर टैक्सपेयर्स को फॉर्म कैसे भरना है, कौन-सी जानकारियां कहां डालनी हैं, इसका पूरा विवरण दिया गया है।

इसके अलावा, पहले से भरी गई जानकारी (Pre-filled Data) भी पोर्टल पर मिल जाती है, जिससे फॉर्म भरना पहले से आसान हो गया है। 

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