उड़ान के लिए आवश्यक लाइसेंस के लिए आवेदन प्रक्रिया और रनवे का परीक्षण 15 नवंबर से प्रारंभ हो जाएगा। इस संबंध में सभी तैयारियां आरंभ कर दी गई हैं। बताया गया है कि 15 नवंबर से लेकर 15 दिसंबर तक, विभिन्न एयरलाइंस के खाली विमानों का परीक्षण पूरे महीने रनवे पर किया जाएगा।
एशिया के सबसे बड़े हवाई अड्डे, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दो दिनों में परीक्षण उड़ानें शुरू होने जा रही हैं। 15 नवंबर से शुरू होने वाला यह परीक्षण लगभग एक महीने तक जारी रहेगा, जिसमें विमानों की लैंडिंग और उड़ान भरने का क्रम चलता रहेगा। मंगलवार को मिली जानकारी के अनुसार, हवाई अड्डे पर एयरक्राफ्ट बीच किंग एयर 360 ईआर के माध्यम से 10 से 14 अक्टूबर के बीच इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग प्रणाली का निरीक्षण किया गया था।
इसके अलावा, हवाई अड्डे पर कैट-वन और कैट-3 उपकरण भी लग चुके हैं, जो कोहरे के दौरान विमान की ऊंचाई और दृश्यता की जानकारी प्रदान करते हैं। सूत्रों ने बताया कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इन उपकरणों का निरीक्षण भी किया है।
90 दिन पहले सभी लाइसेंस लिए जाएंगे
उड़ान के लिए आवश्यक लाइसेंस के लिए आवेदन और रनवे का परीक्षण 15 नवंबर से शुरू होगा। इस संबंध में सभी तैयारियाँ पूरी की जा रही हैं। जानकारी के अनुसार, 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक विभिन्न एयरलाइंस के खाली विमानों का परीक्षण पूरे महीने रनवे पर किया जाएगा। 30 नवंबर को तीन विभिन्न प्रकार के विमानों को उतारकर रनवे का परीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा, वाणिज्यिक उड़ानों के लिए सभी लाइसेंस 90 दिन पहले ही लिए जाएंगे।
एयर इंडिया की नई योजना
दूसरी ओर, एयर इंडिया ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। मंगलवार को एयर इंडिया ने बताया कि विस्तारा के साथ विलय के बाद, यह इकाई 90 से अधिक गंतव्यों को जोड़ते हुए हर हफ्ते 5,600 से अधिक उड़ानों का संचालन करेगी। इस कदम से देशभर के लाखों हवाई यात्रियों को लाभ मिलेगा। विलय के साथ, विस्तारित एयर इंडिया में सिंगापुर एयरलाइंस की हिस्सेदारी 25.1 प्रतिशत हो जाएगी।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, एयर इंडिया समूह ने एयर इंडिया और विस्तारा के बीच परिचालन एकीकरण और कानूनी विलय पूरा कर लिया है, जिससे एक नई और बड़ी पूर्ण-सेवा एयरलाइन अस्तित्व में आई है। इससे पहले, 1 अक्टूबर, 2024 को समूह की किफायती एयरलाइन- एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआईएक्स कनेक्ट (पूर्व में एयर एशिया इंडिया) का विलय हुआ था।" विस्तारा दरअसल टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस का एक संयुक्त उद्यम था।