सब्जियों के दाम आम आदमी की कमर तोड़ दी हैं. एकाएक टमाटर के मूल्य में उछाल आ गया है। वहीं हरी मिर्च भी अपने तीखें तेवर दिखाने लग गई है। टमाटर से लेकर अन्य सब्जियों के दाम सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं। प्रदेश में रविवार को टमाटर 100 रुपये प्रतिकिलो दुकानों पार्ट बिक रहे थे।
बागेश्वर: प्रदेश में सब्जियों के दाम अचानक से सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं। टमाटर का मूल्य में भारी उछाल देखने को मिला है। हरी मिर्च ने भी भाव में अपने 'तीखें तेवर दिखाने लग गई हैं। मंडी में स्थानीय किसानों को पदावर के अच्छे दाम मिल रहे हैं। जिससे उनके चेहरों पर अलग ही रौनक आ गई है। लेकिन आम उपभोक्ता की जेब पर सब्जी की बढ़ती कीमत के कारण अधिक प्रभाव पड़ा है। मानसून झूमकर बरसने के साथ घरों में विशेष पकवान भी बनने ललग गए हैं। लेकिन हरी मिर्च 260 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से बिक रही है। शिमला मिर्च कीमत भी 40 से बढ़ कर 80 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गई हैं।
बताया कि बाजार में सबसे सस्ती सब्जी आलू भी 20 से 30 तथा पहाड़ी आलू 40 से 50 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से बिक रहे है। लौकी के दाम 60 से 80 रुपये प्रतिकिलो पहुंच गए है। ऐसे में कद्दू, भिंडी, करेला, बिन्स, तुरई के दाम भी 60 रुपये से बढ़कर 130 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गए हैंं।
सब्जियों के दाम 80 रूपये से ऊपर
स्थानीय किसानों ने Subkuz.com से बात करते हुए बताया कि इस बार टमाटर की खेती से किसानो को काफी फायदा हुआ है। किसान देव कुमार गोस्वामी, प्रमोद कुमार सिंह और एमपी दीपक जोशी ने कहां कि टमाटर के दाम बढ़ने से सभी किसानों को लाभ मिला है। क्योकि वर्षा के दिनों में बाहर से आने वाला टमाटर जल्दी ही खराब हो जाता है। लोकल जैविक टमाटर कई दिनों तक सुरक्षित रहता हैं। जिला उद्यान अधिकारी आर कुमार सिंह ने कहां कि लोकल सब्जियां बाजार में आने से किसानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं। सब्जी के थोक विक्रेता भूपेंद्र कुमार जोशी ने बताया कि पहले वर्षा नहीं होने के कारण उत्पादन काफी कम हुआ। जिससे सब्जियों के दामों में तेजी से बढ़ोतरी हुई हैं।