हिंदू धर्म में स्त्रियों को आखिर क्यों कहा जाता है मां लक्ष्मी का स्वरूप, इनकी शुक्रवार के दिन ही क्यों होती है पूजा? आइए जानते हैं

हिंदू धर्म में स्त्रियों को आखिर क्यों कहा जाता है मां लक्ष्मी का स्वरूप, इनकी शुक्रवार के दिन ही क्यों होती है पूजा? आइए जानते हैं
Last Updated: 16 अगस्त 2024

हिंदू धर्म में बेटी-बहुओं को "घर की लक्ष्मी" कहा जाता है, यह बात हम सभी जानते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों कहा जाता है ? आखिर ऐसी कोनसी वजह है जो उन्हें लक्ष्मी, धन और समृद्धि की देवी से जोड़ता है ? आइए जानते हैं इसका जवाब -

Maa Lakshmi: हिन्दू धर्म में धन की देवी, स्त्री का स्वरूप मां लक्ष्मी को धन-वैभव की देवी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जहां लक्ष्मी का वास होता है, वहां कभी आर्थिक तंगी नहीं आती और सुख-समृद्धि हमेशा बनी रहती है। इसलिए, लोग मां लक्ष्मी की पूजा घरों में ही नहीं, बल्कि अपने कामकाज के स्थानों पर भी करते हैं, ताकि उनके व्यवसाय और नौकरी में तरक्की हो।

हिंदू धर्म में स्त्रियों को देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है। घर पर जब कन्या का जन्म होता है, तो लोग कहते हैं, "मुबारक हो..लक्ष्मी आई है।" घर की बहुओं को भी लक्ष्मी का रूप मानकर घर की देखभाल की जिम्मेदारी दी जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों स्त्रियों को लक्ष्मी कहा जाता है ? मां दुर्गा, मां पार्वती, देवी सरस्वती या अन्य देवी क्यों नहीं ? क्या इसका संबंध सिर्फ धन से जुड़ा हुआ है ? आइये जानते हैं।

मां लक्ष्मी का रूप होती हैं स्त्रियां

मां लक्ष्मी केवल धन की देवी नहीं हैं, बल्कि वे अपार शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक हैं। उन्हें ब्रह्मांड की ऊर्जा का रूप माना जाता है। हिंदू धर्म में स्त्रियों को लक्ष्मी समान कहने का अर्थ यह है कि जैसे मां लक्ष्मी में सकारात्मकता होती है, उसी तरह बेटी के जन्म या नई बहु के आने पर घर में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसलिए सनातन धर्म में स्त्रियों को दैवीय महत्व दिया जाता है। वे केवल घर की खुशहाली और समृद्धि लाती हैं, बल्कि जीवन में प्रेम, करुणा और सहानुभूति का संचार भी करती हैं। स्त्रियां जीवन के हर पहलू में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और उनकी उपस्थिति घर और समाज दोनों के लिए आशीर्वाद होती है।

शुक्रवार को होती है मां लक्ष्मी की पूजा

हिंदू धर्म के अनुसार, लक्ष्मी माता की पूजा तो हर घर में नियमित रूप से होती है, लेकिन शास्त्रों में हर देवी-देवता के लिए एक विशेष दिन समर्पित होता है। देवियों की पूजा के लिए शुक्रवार का दिन खास माना जाता है। इस दिन मां संतोषी, मां दुर्गा, वैभव, महालक्ष्मी और शुक्र ग्रह की पूजा का भी विधान है। शास्त्रों में शुक्र ग्रह को धन, वैभव, सुख और समृद्धि का कारक माना गया है, और शुक्रवार इस ग्रह का दिन होने के कारण, इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है।

मां लक्ष्मी की शुक्रवार को पूजा विधि

माना जाता है कि शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन, वैभव, सुख और समृद्धि आती है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने के लिए कई तरह के विधान हैं। जैसे, मां लक्ष्मी का स्मरण करते हुए मां लक्ष्मी की आरती गाना, मां लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र पर फूल और जल चढ़ाना, धूप-दीप जलाना, मां लक्ष्मी का ध्यान करना, मां लक्ष्मी के मंत्र का जाप करना, आदि। यदि आप भी शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं तो आपको भी उनके आशीर्वाद का लाभ मिलेगा।

 

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