Ram Mandir Foundation Day 2025: हिंदू धर्म की गौरवमयी धरोहर का पुनर्निर्माण, राम की भूमि पर शांति और समृद्धि का प्रतीक बनने जा रहा है राम मंदिर

Ram Mandir Foundation Day 2025: हिंदू धर्म की गौरवमयी धरोहर का पुनर्निर्माण, राम की भूमि पर शांति और समृद्धि का प्रतीक बनने जा रहा है राम मंदिर
Last Updated: 4 घंटा पहले

Ram Mandir Foundation Day: राम मंदिर स्थापना दिवस एक ऐतिहासिक और धार्मिक अवसर है, जो 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के शुभारंभ के रूप में मनाया जाता हैं। यह दिन भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा और मंदिर के उद्घाटन के साथ जुड़ा हुआ हैं।

अयोध्या, उत्तर प्रदेश - भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास का गौरवपूर्ण अध्याय, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का उद्घाटन, 22 जनवरी 2024 को भव्य समारोह के साथ संपन्न हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य अतिथि के रूप में इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में भाग लिया और मंदिर के गर्भगृह में भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न कराई।

इतिहास के पन्नों से

यह स्थल, जिसे रामजन्मभूमि माना जाता है, लंबे समय तक विवादों के केंद्र में रहा। 16वीं शताब्दी में यहां बाबरी मस्जिद का निर्माण हुआ, जिसे बाद में 1992 में गिरा दिया गया। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने इस भूमि को हिंदुओं के पक्ष में सौंप दिया और एक नई मस्जिद के लिए वैकल्पिक भूमि का आवंटन किया।

भव्य निर्माण का आरंभ और वास्तुशिल्पीय सौंदर्य

राम मंदिर का निर्माण कार्य 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन के साथ आरंभ हुआ। मंदिर के मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा ने नागर शैली में इसकी डिज़ाइन तैयार की। तीन मंजिला संरचना वाले इस मंदिर की लंबाई 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। 366 खंभों पर आधारित यह मंदिर 10 एकड़ भूमि में फैला है और इसका निर्माण राजस्थान के बंसी पर्वत के बलुआ पत्थरों से हुआ हैं।

मंदिर की मुख्य विशेषताएं

मंदिर में भगवान राम के बाल रूप की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित की गई है। इसके अतिरिक्त मंदिर परिसर में भगवान शिव, गणेश, दुर्गा, ब्रह्मा, और विष्णु के मंदिर भी बनाए जा रहे हैं।

भक्तों की उमंग और आयोजन की भव्यता

प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या में लाखों श्रद्धालु पहुंचे। कार्यक्रम की शुरुआत 15 जनवरी 2024 (मकर संक्रांति) से विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ हुई। 22 जनवरी को दोपहर 12:29 बजे शुभ मुहूर्त में प्राण-प्रतिष्ठा की गई।

प्रधानमंत्री मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "राम मंदिर हमारी परंपराओं और आस्था का प्रतीक है। यह मंदिर न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए हमारी संस्कृति का आधुनिक परिचायक बनेगा।" उन्होंने मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले हर व्यक्ति को धन्यवाद दिया।

सुरक्षा और व्यवस्था

इस ऐतिहासिक अवसर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। उत्तर प्रदेश पुलिस, केंद्रीय बलों और एनएसजी कमांडो ने सुरक्षा व्यवस्था संभाली। इसके अतिरिक्त 7 किलोमीटर के दायरे में 7000 मंदिरों ने दीये जलाकर अपनी सहभागिता दिखाई।

मंदिर का धार्मिक और आर्थिक महत्व

राम मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अयोध्या और आसपास के क्षेत्रों के लिए पर्यटन और रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा। अनुमान है कि मंदिर परिसर में प्रतिदिन 70,000 से अधिक भक्त दर्शन के लिए आ सकेंगे।

भविष्य की योजनाएं

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर परिसर को और विस्तारित करने की योजना बनाई है। इसमें संग्रहालय, व्याख्यान कक्ष और कैफेटेरिया जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।

यह मंदिर भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बनकर आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ अयोध्या एक बार फिर से रामराज्य की भावना को जीवंत कर रही हैं।

Leave a comment