29 मार्च 2025 को आने वाली शनि अमावस्या इस बार विशेष महत्त्व लेकर आ रही है। इस दिन शनिदेव ढाई साल बाद अपनी राशि का परिवर्तन करते हुए मीन राशि में प्रवेश करेंगे। शनि अमावस्या को शास्त्रों में पितरों की शांति और शनिदेव की कृपा पाने का खास अवसर माना गया है। ऐसे में इस दिन किए गए कुछ उपाय जीवन में सुख, शांति और धन वृद्धि लाने में सहायक हो सकते हैं।
शनि अमावस्या के दिन शनिदेव को करें प्रसन्न
शनि अमावस्या पर शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि प्रतिमा पर सरसों या तिल का तेल अर्पित करें। इस दौरान "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का 108 बार जाप अवश्य करें। ऐसा करने से शनिदेव की कृपा बनी रहती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही काले तिल और सरसों के तेल का दीपक जलाना भी इस दिन अति लाभकारी माना गया है।
धन वृद्धि के लिए करें ये उपाय
शनि अमावस्या पर काले तिल, उड़द की दाल और लोहे का दान करने से शनि दोष में कमी आती है। गुड़ और आटे की गोलियां बनाकर चीटियों को खिलाने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही आटे की गोलियां बनाकर तालाब में मछलियों को खिलाने से शनि की अशुभ दशा का प्रभाव कम होता है।
दीपदान से पितरों को मिलेगी शांति
अमावस्या पर दीपदान का विशेष महत्त्व होता है। इस दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे एक दीपक जलाएं। मुख्य द्वार के बाईं ओर एक दीपक अवश्य जलाएं, जिससे मां लक्ष्मी आकर्षित होती हैं। इसके अतिरिक्त भगवान शिव के मंदिर में और घर की दक्षिण दिशा में भी दीपक जलाकर रखें। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
शनि अमावस्या पर दान के विशेष उपाय
शनि अमावस्या पर गरीब और जरूरतमंदों को काली उड़द, काले जूते, काले कपड़े, काले तिल और काले छाते का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। शनि महाराज इन वस्तुओं के दान से प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-शांति का आशीर्वाद देते हैं।
पितरों की शांति के लिए व्रत और तर्पण
इस दिन पवित्र नदी में स्नान कर पितरों के नाम से पिंडदान और तर्पण करें। शनिदेव को तेल और काले तिल अर्पित करें और गरीबों को भोजन कराएं। गाय, कौवा और कुत्ते को भी भोजन देने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
शनि अमावस्या का विशेष महत्त्व
शनि अमावस्या के दिन शनि राशि परिवर्तन और पितरों की शांति के लिए किए गए उपाय बेहद प्रभावी माने जाते हैं। इस शुभ दिन पर सही विधि से पूजा-अर्चना और दान करने से न केवल शनिदेव की कृपा मिलती है, बल्कि परिवार में सुख-शांति और धन-संपत्ति का भी वास होता है।