सिख धर्म के दस गुरु सिख समुदाय के आध्यात्मिक और धार्मिक नेताओं के रूप में माने जाते हैं। ये दस गुरु निम्नलिखित हैं:
गुरु नानक देव जी:
जन्म: 15 अप्रैल 1469, तलवंडी (अब ननकाना साहिब, पाकिस्तान)
परिवार: पिता का नाम कालू मेहता, माता का नाम तृप्ता देवी
गुरु उपाधि: 1507 ईस्वी
महान कार्य: सिख धर्म की स्थापना, लंगर की परंपरा शुरू की, एकेश्वरवाद का प्रचार किया
स्वर्गवास: 22 सितंबर 1539
गुरु अंगद देव जी:
जन्म: 31 मार्च 1504, मत्ते दी सराय (अब पंजाब, भारत)
परिवार: पिता का नाम फेरु मल, माता का नाम माता रामा देवी
गुरु उपाधि: 1539 ईस्वी
महान कार्य: गुरु नानक के उपदेशों का विस्तार, गुरमुखी लिपि का विकास
स्वर्गवास: 29 मार्च 1552
गुरु अमर दास जी:
जन्म: 5 मई 1479, बसरके (अब पंजाब, भारत)
परिवार: पिता का नाम तेज भान भल्ला, माता का नाम बख्त कौर
गुरु उपाधि: 1552 ईस्वी
महान कार्य: मंजी प्रणाली की स्थापना, लंगर की परंपरा को बढ़ावा दिया
स्वर्गवास: 1 सितंबर 1574
गुरु राम दास जी:
जन्म: 24 सितंबर 1534, लाहौर (अब पाकिस्तान)
परिवार: पिता का नाम हरिदास जी, माता का नाम दया कौर
गुरु उपाधि: 1574 ईस्वी
महान कार्य: अमृतसर शहर की स्थापना, स्वर्ण मंदिर की नींव रखी
स्वर्गवास: 1 सितंबर 1581
गुरु अर्जन देव जी:
जन्म: 15 अप्रैल 1563, गोइंदवाल (अब पंजाब, भारत)
परिवार: पिता का नाम गुरु राम दास, माता का नाम बीबी भानी
गुरु उपाधि: 1581 ईस्वी
महान कार्य: आदि ग्रंथ की रचना, हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) का निर्माण
स्वर्गवास: 30 मई 1606 (शहीद)
गुरु हरगोबिंद जी:
जन्म: 19 जून 1595, गोइंदवाल (अब पंजाब, भारत)
परिवार: पिता का नाम गुरु अर्जन देव, माता का नाम गंगा देवी
गुरु उपाधि: 1606 ईस्वी
महान कार्य: दो तलवारों की परंपरा (मीरी और पीरी), अकाल तख्त की स्थापना
स्वर्गवास: 28 फरवरी 1644
गुरु हर राय जी:
जन्म: 16 जनवरी 1630, कीरतपुर साहिब (अब पंजाब, भारत)
परिवार: पिता का नाम बाबा गुरदिता, माता का नाम निहाल कौर
गुरु उपाधि: 1644 ईस्वी
महान कार्य: सिख धर्म का प्रचार-प्रसार, चिकित्सा में योगदान
स्वर्गवास: 6 अक्टूबर 1661
गुरु हर कृष्ण जी:
जन्म: 7 जुलाई 1656, कीरतपुर साहिब (अब पंजाब, भारत)
परिवार: पिता का नाम गुरु हर राय, माता का नाम किशन कौर
गुरु उपाधि: 1661 ईस्वी
महान कार्य: बीमारीयों से पीड़ित लोगों की सेवा
स्वर्गवास: 30 मार्च 1664 (दिल्ली में चेचक से)
गुरु तेग बहादुर जी:
जन्म: 1 अप्रैल 1621, अमृतसर (अब पंजाब, भारत)
परिवार: पिता का नाम गुरु हरगोबिंद, माता का नाम नानकी
गुरु उपाधि: 1664 ईस्वी
महान कार्य: धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा, शहीद हुए
स्वर्गवास: 24 नवंबर 1675 (दिल्ली में शहीद)
गुरु गोबिंद सिंह जी:
जन्म: 22 दिसंबर 1666, पटना साहिब (अब बिहार, भारत)
परिवार: पिता का नाम गुरु तेग बहादुर, माता का नाम गुजरी
गुरु उपाधि: 1675 ईस्वी
महान कार्य: खालसा पंथ की स्थापना, पांच प्यारों की परंपरा
स्वर्गवास: 7 अक्टूबर 1708 (नांदेड, महाराष्ट्र)
इन दस गुरुओं ने सिख धर्म के सिद्धांतों और परंपराओं की स्थापना की और इसे एक सशक्त धर्म के रूप में स्थापित किया।