Labh Panchami 2024: इस दिन की पूजा से कैसे मिलेगा आशीर्वाद, जानिए तिथि और महत्व, शुभ मुहूर्त

Labh Panchami 2024: इस दिन की पूजा से कैसे मिलेगा आशीर्वाद, जानिए तिथि और महत्व, शुभ मुहूर्त
Last Updated: 3 घंटा पहले

लाभ पंचमी, दीपावली के बाद आने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है जो विशेष रूप से व्यापारियों के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है। यह दिन समृद्धि, सफलता और धन की देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा से जुड़ा होता है। लाभ पंचमी के दिन पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और व्यापार में वृद्धि होती है। इस दिन को लेकर हर कोई उत्साहित रहता है, खासकर व्यापारी वर्ग के लोग, जो इस दिन से अपने व्यापार को और भी फले-फूलने का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

लाभ पंचमी 2024 कब है

लाभ पंचमी 2024 का पर्व 6 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। यह पर्व कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है, जो दीपावली के बाद आता है। इस दिन विशेष रूप से व्यापारी वर्ग अपने बही-खातों की पूजा करते हैं और देवी लक्ष्मी तथा भगवान गणेश की पूजा से समृद्धि, सफलता और व्यापार में उन्नति की कामना करते हैं।

लाभ पंचमी 2024 शुभ मुहूर्त

लाभ पंचमी 2024 का पर्व 6 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन विशेष रूप से व्यापारियों के लिए बही-खाते की पूजा और देवी लक्ष्मी की पूजा करने का महत्व होता है। पूजा का सही समय और शुभ मुहूर्त निश्चित करने से पूजा का फल अधिक मिलता है। इस साल लाभ पंचमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06:12 बजे से लेकर 10:08 बजे तक रहेगा। यह समय विशेष रूप से लक्ष्मी माता और भगवान गणेश की पूजा करने के लिए अनुकूल है। इस दौरान पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और व्यापार में उन्नति की प्राप्ति होती है। साथ ही, इस समय में बही-खाते की पूजा करने से वित्तीय स्थिति मजबूत होती है और नए व्यापार की शुरुआत के लिए भी यह समय शुभ माना जाता है।

लाभ पंचमी पूजा विधि 2024

लाभ पंचमी का पर्व विशेष रूप से व्यापारियों और घरों में लक्ष्मी माता की पूजा करने का दिन होता है। इस दिन किए गए उपायों से केवल आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है, बल्कि व्यापार में भी वृद्धि होती है। यहां हम लाभ पंचमी की पूजा विधि के बारे में विस्तार से बताएंगे:

लाभ पंचमी पूजा विधि

प्रातः काल स्नान और शुद्धता

पूजा से पहले प्रातः काल उबटन करके स्नान करें। इस दिन के लिए सफाई और शुद्धता बहुत महत्वपूर्ण है।

स्नान के बाद लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनें, क्योंकि यह रंग समृद्धि और सुख का प्रतीक माने जाते हैं।

पूजा स्थल की सफाई

पूजा स्थल को साफ और पवित्र रखें। वहां किसी भी प्रकार की अशुद्धि हो, यह सुनिश्चित करें। अगर पूजा घर में है तो वहां विशेष ध्यान दें।

पूजा स्थल पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियों या चित्रों को रखें।

मूर्ति या चित्र की स्थापना

पूजा स्थल पर लक्ष्मी माता और भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र रखें। इनकी पूजा से समृद्धि और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

अगर आपके पास दोनों की मूर्तियां हों तो चित्र भी रख सकते हैं।

पानी और फूल अर्पित करें

सबसे पहले पूजा स्थल को पानी से स्नान कराएं और फिर उसमें ताजे फूल अर्पित करें।

लक्ष्मी माता को कमल का फूल अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है। गणेश जी को लड्डू या मोदक अर्पित करें।

दीपक और अगरबत्ती जलाएं

पूजा स्थल पर दीपक और अगरबत्ती जलाएं। दीपक से वातावरण में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

इसके बाद धूप (अगरबत्ती) भी जलाएं, क्योंकि यह भगवान के चरणों में समर्पण और सम्मान का प्रतीक है।

लक्ष्मी और गणेश मंत्रों का जाप

लक्ष्मी माता के मंत्र

" श्रीं महालक्ष्म्यै नमः"

" श्री लक्ष्मि नमो नमः"

गणेश जी के मंत्र

" गं गणपतये नमः"

" श्री गणेशाय नमः"

इन मंत्रों का जाप करें, क्योंकि यह मंत्र विशेष रूप से समृद्धि और विघ्नों से मुक्ति दिलाने वाले होते हैं।

बही-खाते की पूजा

इस दिन विशेष रूप से व्यापारी वर्ग को बही-खाते की पूजा करनी चाहिए। यदि आप व्यापारी हैं तो पुराने खाता-बही का हिसाब सही करें और नया खाता-बही शुरू करें।

खाता-बही पर गुलाब की फूलों की पंखुड़ियां रखें और उस पर गंगाजल छिड़कें। इसके बाद अपनी लेखनी से पुस्तक को श्रद्धा से छूकर पूजा करें।

भोग अर्पित करें

लक्ष्मी माता और गणेश जी को सफेद मिठाई (जैसे लड्डू या मोदक) अर्पित करें। इसके बाद यह भोग परिवार के सभी सदस्यों के बीच वितरित करें।

प्रसाद वितरण और दान

पूजा के बाद प्रसाद को घर के सभी सदस्यों के बीच वितरित करें। इस दिन दान का भी विशेष महत्व होता है।

जरूरतमंदों को आटा, चावल, फल, वस्त्र या धन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यह दान व्यापार और जीवन में समृद्धि लाता है।

अंत में धन्यवाद और समर्पण

पूजा समाप्त होने के बाद, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश का धन्यवाद करें। उन्हें प्रणाम करें और उनके आशीर्वाद से जीवन में समृद्धि की कामना करें।

लाभ पंचमी की पूजा के लाभ

व्यापार में वृद्धि: बही-खाते की पूजा से व्यापार में उन्नति होती है और पुराने वित्तीय लेन-देन का हिसाब सही तरीके से किया जाता है।

धन की प्राप्ति: देवी लक्ष्मी की पूजा से घर में समृद्धि का वास होता है और धन-धान्य की कमी दूर होती है।

विघ्नों का नाश: गणेश जी की पूजा से सभी प्रकार के विघ्न और समस्याएं दूर होती हैं।

समृद्धि और सौभाग्य: दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

लाभ पंचमी का महत्व

लाभ पंचमी का पर्व दीवाली के बाद मनाया जाता है और विशेष रूप से व्यापारी वर्ग के लिए यह दिन अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। यह पर्व कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है, और इसे समृद्धि और सफलता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इस दिन विशेष रूप से देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है, ताकि व्यापार, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति हो।

लाभ पंचमी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

व्यापारियों के लिए शुभ दिन

लाभ पंचमी का पर्व व्यापारी वर्ग के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दिन बही-खाते की पूजा की जाती है। पुराने खाता-बही का हिसाब सही तरीके से किया जाता है और नए बही-खाते की शुरुआत की जाती है। इससे व्यापारी अपने व्यापार को बेहतर तरीके से चलाने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

इस दिन के दौरान व्यापारी लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजा करते हैं ताकि उनके व्यापार में वृद्धि हो और कोई विघ्न आए।

धन और समृद्धि की प्राप्ति

लाभ पंचमी के दिन लक्ष्मी माता की पूजा विशेष रूप से धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति के लिए की जाती है। देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद से घर और व्यापार में समृद्धि आती है।

विशेष रूप से मालिकों, दुकानदारों, और व्यापारियों के लिए यह दिन धन की बर्बादी और आर्थिक मंदी से बचने का एक मौका प्रदान करता है।

नए काम की शुरुआत

लाभ पंचमी के दिन नए व्यापारिक कार्यों की शुरुआत करना शुभ माना जाता है। अगर आप कोई नया व्यवसाय शुरू करने का सोच रहे हैं तो यह समय आपके लिए उपयुक्त है।

इस दिन को व्यापारिक उन्नति और सफलता की शुरुआत के रूप में देखा जाता है, जो लंबे समय तक लाभकारी साबित हो सकती है।

विघ्नों का नाश और सफलता की प्राप्ति

भगवान गणेश की पूजा से सभी विघ्नों का नाश होता है। गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त करने से किसी भी प्रकार की रुकावट, कठिनाई या समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इसलिए व्यापारी और सामान्य व्यक्ति दोनों ही इस दिन गणेश जी की पूजा करते हैं ताकि उनके कार्यों में सफलता प्राप्त हो।

संगठित लेखा जोखा और वित्तीय पारदर्शिता

यह दिन पुरानी लेखा-जोखा की समीक्षा और नई शुरुआत के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस दिन बही-खातों का पुनः मूल्यांकन किया जाता है और नए वित्तीय दस्तावेज़ की शुरुआत की जाती है। यह व्यापारिक सफलता और पारदर्शिता में सहायक होता है।

लाभ पंचमी का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

दान का महत्व

इस दिन दान देने का महत्व बहुत अधिक होता है। जरूरतमंदों को दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और समाज में संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।

लोग इस दिन अन्न, वस्त्र, आभूषण, या धन का दान करते हैं, जिससे केवल आशीर्वाद प्राप्त होता है बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव भी आते हैं।

सौभाग्य की प्राप्ति

लक्ष्मी पूजा के माध्यम से सौभाग्य और खुशहाली की प्राप्ति होती है। इस दिन को महिला-पुरुषों के लिए सौभाग्य और जीवन में शुभ अवसरों के लिए विशेष रूप से देखा जाता है।

यह दिन घर में सुख, समृद्धि और शांति के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।

परिवार के लिए समृद्धि

घर में लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा से परिवार के प्रत्येक सदस्य के जीवन में खुशियाँ आती हैं। यह पूजा घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है और घर को समृद्ध और खुशहाल बनाती है।

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