पूजा में भूल से भी न करें ये गलतियां, ईश्वर की साधना-आराधना का जानें पूरा नियम

पूजा में भूल से भी न करें ये गलतियां, ईश्वर की साधना-आराधना का जानें  पूरा नियम
Last Updated: 06 मई 2023

पूजा में भूल से भी न करें ये गलतियां, ईश्वर की साधना-आराधना का जानें  पूरा नियम  Do not commit these mistakes even by mistake in worship, know the complete rule of worship of God

सनातन परंपरा में पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है। दैनिक रूप से की जाने वाली ईश्वर की पूजा के कुछ नियम भी होते हैं, जिनका पालन प्रत्येक साधक को अवश्य करना चाहिए। मनोकामनाओं को पूरा करने और शुभ फलों की प्राप्ति के लिए ईश्वर की पूजा के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला आसन, हवन विधि, पूजा का मंत्र और उसे पढ़ने की विधि, अपने आराध्य के सामने दिया जलाने या फिर आरती करने का नियम आदि की संपूर्ण जानकारी एक साधक को होनी चाहिए।ईश्वर की पूजा करने से हमेशा मन प्रसन्न रहता है। सनातन परंपरा में अपने आराध्य की पूजा के लिए समय, स्थान और करने का तरीका भी निश्चित किया गया है।यदि आप विधि–विधान से अपने देवी–देवता की पूजा करते हैं तो निश्चित रूप से आपकी पूजा शीघ्र ही सफल होगी।

आइए जानते हैं कि ईश्वर की पजा करते समय हमें किन खास बातों का जरूर ख्याल रखना चाहिए।   Let us know what special things we must take care of while worshiping God.

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1.सबसे पहले तो हमें ईश्वर की पूजा तन और मन से पवित्र होकर करना चाहिए, अर्थात् स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र आदि पहनकर शांत और पवित्र मन से ही पूजा के लिए बैठना चाहिए।

2.पूजा करते समय किसी पर क्रोध नहीं करना चाहिए।

3.ईश्वर की पूजा हमेशा एक निश्चित समय और एक निश्चित स्थान पर करने का प्रयास करें।

4.ईश्वर की पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त का समय सबसे शुभ माना गया है। यदि यह संभव नहीं है तो आप अपने हिसाब से एक निश्चित समय तय कर सकते हैं।

5.पूजा के लिए बनाया जाने वाला स्थान हमेशा ईशान कोण में होना चाहिए। 

6.साथ ही पूजा के समय हमारा मुंह भी हमेशा ईशान, पूर्व या उत्तर में दिशा में होना चाहिए।

7.कभी भी देवी–देवता की तरफ पीठ करके या पैर करके नहीं बैठना चाहिए।

8.पूजा-पाठ बगैर आसन के नहीं करना चाहिए। पूजा के बाद अपने आसन के नीचे दो बूंद जल डालें और उसे माथे पर लगा लें तभी उठना चाहिए, अन्यथा आपकी पूजा का फल देवराज इंद्र को चला जाता है।

9.ईश्वर के लिए जलाए जाने वाले दीपक के नीचे चावल अवश्य रखने चाहिए।

10.इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि पूजा घर कभी भी सीढ़ी या शौचालय के नीचे नहीं बनाना चाहिए।

11.पूजा स्थल पर कम से कम देवी–देवता को स्थापित करना चाहिए और प्रतिदिन उन्हें साफ करना चाहिए।

भूलकर भी न करें ये कार्य  Do not do this work even by mistake

1.भगवान शिव, गणेश और भैरव जी की मूर्ति पर तुलसी नहीं चढ़ाना चाहिए।

2.गणपति को प्रसन्न करने वाली दूर्वा का प्रयोग देवी भगवती की पूजा में नहीं करना चाहिए।

3.पवित्र गंगाजल को कभी भी प्लास्टिक, लोहे या फिर एल्युमिनियम के पात्र में नहीं रखना चाहिए।

4.गंगा जल को रखने के लिए तांबे का बर्तन सबसे उत्तम माना गया है।

5.तांबे के पात्र में चंदन नहीं रखना चाहिए और न ही पतला चंदन देवी-देवताओं को लगाएं।

6.भगवान सूर्यदेव को कभी भी शंख से अर्घ्य नहीं देना चाहिए।

7.विष्णुप्रिया कहलाने वाली तुलसी को कभी भी बगैर स्नान किये न छूना चाहिए और न ही उसके पत्ते तोड़ने चाहिए।

8.पूजा में कभी भी दीपक से दीपक नहीं जलाना चाहिए।

9.पूजाघर में कभी भी खंडित, फटी–पुरानी या फिर दिवंगत लोगों की तस्वीर नहीं रखनी चाहिए।

10.पूजाघर में धन आदि छुपाकर नहीं रखना चाहिए।

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