Ekadashi December 2024: जानें दिसंबर में पड़ने वाली आखिरी एकादशी व्रत की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें

Ekadashi December 2024: जानें दिसंबर में पड़ने वाली आखिरी एकादशी व्रत की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें
Last Updated: 07 दिसंबर 2024
🎧 Listen in Audio
0:00

2024 का आखिरी एकादशी व्रत इस साल दिसंबर में किस दिन रखा जाएगा। यह सफला एकादशी व्रत विशेष रूप से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित होता है। एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और उसका जीवन सुख-समृद्धि से भर जाता है। इस दिन व्रत करके भक्तगण भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

December 2024 Ekadashi Vrat

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन व्रत रखने से लक्ष्मी नारायण की पूजा से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। हर महीने में दो एकादशी व्रत होते हैं— एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में। दोनों व्रत ही खास माने जाते हैं।

अब सवाल यह उठता है कि 2024 में दिसंबर में आखिरी एकादशी कब है और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या होगा? इस बारे में पूरी जानकारी जानने के लिए हमारे साथ बने रहें।

कब है इस साल के आखिरी एकादशी का व्रत?

इस साल की आखिरी एकादशी 26 दिसंबर 2024 को पड़ने जा रही है। पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी का व्रत रखा जाता है, जो विशेष रूप से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है।

मान्यताओं के अनुसार, सफला एकादशी का व्रत करने से जीवन में अपार सफलता प्राप्त होती है। इस दिन व्रत रखने वाले जातक भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना करते हुए अपने जीवन को खुशहाल और समृद्ध बना सकते हैं।

सफला एकादशी 2024 जानिए शुभ मुहूर्त और पारण का सही समय

पंचांग के अनुसार, इस साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 25 दिसंबर 2024 को रात 10:29 बजे से प्रारंभ होगी और 27 दिसंबर 2024 को रात 12:43 बजे समाप्त होगी। इस दिन सफला एकादशी का पारण 27 दिसंबर को होगा। पारण के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7:12 से 7:16 बजे तक रहेगा।

व्रत खोलते समय सबसे पहले तुलसी का पत्ता ग्रहण करना चाहिए, इसके बाद ही अन्न का सेवन करना चाहिए। एकादशी का पारण हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए, जिससे व्रति को जीवन में समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है।

जानें पूजा विधि और इस दिन रखी जाने वाली खास बातें

एकादशी व्रत का महत्व विशेष रूप से पूजा विधि में निहित है। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले घर की सफाई करें। इसके बाद गंगाजल या पवित्र नदियों में स्नान करके शरीर को शुद्ध करें। फिर मंदिर में चौकी स्थापित करें, और उस पर श्री यंत्र के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा रखें। पूजा के दौरान देसी घी का दीपक जलाएं। अंत में, फल, फूल, गोपी चंदन, मिठाई, तुलसी पत्र आदि का भोग अर्पित करें, और श्री हरि विष्णु की विधिपूर्वक पूजा एवं पाठ करें। इस विशेष पूजा विधि के माध्यम से सभी संकट दूर होने की संभावना रहती है।

Leave a comment