Hariyali Teej 2024: हरियाली तीज पर स्वर्ण जड़ित हिंडोले पर विराजमान होंगे बांके बिहारी, दर्शन के लिए लगेगी लोगों की भीड़, जानिए इसकी खासियत
भारत देश में भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित कई मंदिर है। वृंदावन में स्थित बांके बिहारी जी का मंदिर बहुत ज्यादा विख्यात। यहां अधिक संख्या में भक्त अपने आराध्य के दर्शन के लिए आते रहते हैं। वहीं हरियाली तीज पर बांके बिहारी जी सोने के झूले पर विराजमान होते हैं। जिसे देखने लाखों की संख्या में भक्त दूर-दूर से आते हैं।
धार्मिक न्यूज़: देशभर में हरियाली तीज के दिन लोगों में खास उत्साह देखने को मिलता है। इस अवसर पर मंदिरों में भजन-कीर्तन और महिलाओं द्वारा विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं व्रत करती हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत से विवाहित महिलाओं का जीवन खुशियों से भर जाता है और उन्हें पति की लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं।
बता दें कृष्ण भक्त हरियाली तीज के आने का बहुत बेसब्री से इंतजार करते हैं, क्योंकि सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज पर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में ठाकुरजी को स्वर्ण-रजत के हिंडोले पर विराजमान किया जाता है और लाखो की संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं। हरियाली तीज का पर्व 07 अगस्त 2024 मनाया जाएगा।
बांके बिहारी के झूले की खासियत
* बांके बिहारी जी का हिंडोला करीबन 20 किलो सोना और एक कुंतल चांदी से मिलकर बनाया गया हैं।
* इस हिंडोला के निर्माण में तक़रीबन 25 लाख रुपये का खर्चा आता हैं।
* जानकारी के मुताबिक यह हिंडोला 1942 से बनना शुरू हुआ और 1947 में पूरी तरह से तैयार हुआ।
* यह हिंडोला आजादी की वर्षगांठ की याद को ताजा कर देता हैं।
बांके बिहारी मंदिर में दर्शन करने का समय
प्रसाशन ने बताया कि अन्य दिन भी मंदिर में अधिक भीड़ होती है, ऐसे में हरियाली तीज के दिन मंदिर में भारी भीड़ की संभावना के कारण दर्शन टाइम में कुछ बदलाव किया गया है। बता दें 07 अगस्त को बांके बिहारी मंदिर के पट निश्चित समय पर ही खुलेंगे। लेकिन दोपहर 2:00 बजे मंदिर के पट तीन घंटे के लिए बंद कर दिए जाएंगे। उसके बाद शाम 5:00 बजे मंदिर के पट खोले जाएंगे और रात 11:00 बजे तक भक्त भगवान के दर्शन कर सकेंगे।
बांके बिहारी सबकी मुरादें करते हैं पूरी
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बांके बिहारी जी के मंदिर में कई तरह के रहस्य देखने को मिलते हैं। बता दें इस मंदिर में वर्ष में केवल एक दिन मंगल आरती होती है और वर्ष में सिर्फ एक बार ही भगवान बांके बिहारी जी के चरणों के दर्शन होते है। इसके अलावा बांके बिहारी साल में केवल एक बार बंसी और मुकुट धारण करते है। बताया गया है कि साधक जो बांके बिहारी जी से मनोकामनाएं मांगते है। वह अवश्य पूरी होती