साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को पड़ने वाला है, और खास बात यह है कि इसी दिन होली का त्योहार भी मनाया जाएगा। इस खगोलीय घटना के कारण कई लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या भारत में सूतक काल प्रभावी होगा और क्या यह ग्रहण त्योहार को प्रभावित करेगा। आइए जानते हैं इस चंद्र ग्रहण के समय, प्रभाव और ज्योतिषीय महत्व के बारे में।
कब लगेगा चंद्र ग्रहण 2025?
यह चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025 को शुक्रवार के दिन लगेगा। भारतीय समयानुसार, यह ग्रहण सुबह 9:27 बजे से शुरू होकर दोपहर 3:30 बजे तक रहेगा। ग्रहण की कुल अवधि 6 घंटे 3 मिनट की होगी। यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। मुख्य रूप से यह ग्रहण यूरोप, ऑस्ट्रेलिया के कुछ भागों, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, अटलांटिक एवं प्रशांत महासागर, उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव तथा एशिया और अफ्रीका के कुछ क्षेत्रों में देखा जाएगा।
क्या भारत में लगेगा सूतक काल?
सूतक काल केवल पूर्ण या आंशिक चंद्र ग्रहण के दौरान ही मान्य होता है, लेकिन यह एक उपच्छाया (Penumbral) चंद्र ग्रहण है। ऐसे ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होता। इसलिए भारत में न तो मंदिरों के कपाट बंद होंगे और न ही कोई धार्मिक कार्यों पर रोक लगेगी। लोग सामान्य रूप से पूजा-पाठ और होली का आनंद ले सकते हैं।
होली पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव
चूंकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका सीधा प्रभाव होली के उत्सव पर नहीं पड़ेगा। फिर भी, ज्योतिष के अनुसार ग्रहण के दौरान मंत्र जाप, ध्यान और दान करना शुभ माना जाता है।
किन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव?
1. नकारात्मक प्रभाव वाली राशियां
• सिंह: पारिवारिक तनाव, संपत्ति विवाद और आर्थिक अस्थिरता की संभावना।
• तुला: खर्चों में वृद्धि, निवेश में नुकसान और स्वास्थ्य समस्याओं की आशंका।
• मकर: करियर में बाधाएं, आर्थिक तंगी और पारिवारिक चिंताएं बढ़ सकती हैं।
2. सकारात्मक प्रभाव वाली राशियां
• वृषभ, कर्क, मिथुन और वृश्चिक: इन राशियों को धन लाभ, रुके हुए कार्यों में सफलता और आर्थिक मजबूती मिलने के योग हैं।
चंद्र ग्रहण क्या होता है?
जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं और पृथ्वी की छाया चंद्रमा को ढक लेती है, तो इस घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है। यह पूर्ण, आंशिक या उपच्छाया ग्रहण हो सकता है। इस बार का ग्रहण उपच्छाया है, जिसमें चंद्रमा पर हल्की धुंधली छाया पड़ती है। साल 2025 में होली के दिन लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में प्रभावी नहीं होगा, और सूतक काल भी मान्य नहीं रहेगा।
लोग बिना किसी बाधा के होली का आनंद ले सकते हैं। हालांकि, ज्योतिषीय दृष्टि से कुछ राशियों पर इसका प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए ग्रहण के दौरान ध्यान, जप और दान करना शुभ माना जाता है।