करवा चौथ: जाने सोलह श्रृंगार का महत्व और पूरी जानकारी

करवा चौथ: जाने सोलह श्रृंगार का महत्व और पूरी जानकारी
Last Updated: 19 अक्टूबर 2024

 

1. सिंदूर (Sindoor): सिंदूर विवाह का एक प्रतीक है, जिसे पति की लंबी उम्र की कामना के साथ महिला अपने बालों के मध्य भाग में लगाती है।

2. बिंदिया (Bindi): यह एक छोटी सी बिंदु होती है जो महिला के माथे के बीच में लगाई जाती है, इसे सौंदर्य और आंतरिक शक्ति का प्रतीक माना जाता है।

3. मांग टीका (Mang Tika): यह forehead पर पहना जाने वाला आभूषण है, जो चेहरे की सुंदरता को बढ़ाता है।

4. हार (Necklace): गले में पहने जाने वाले हार या मणि का महत्व है। यह सुहाग का प्रतीक होता है।

5. चूड़ियाँ (Bangles): चूड़ियाँ विवाहित महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। ये केवल उनकी सुंदरता को बढ़ाती हैं बल्कि उनके सौभाग्य का भी प्रतीक हैं।

6. कांटे (Kadas): ये कड़ा या कड़ा जैसे आभूषण होते हैं जो हाथों में पहने जाते हैं। ये शक्ति और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं।

7. पायल (Payal): पैरों में पहनी जाने वाली पायल एक विशेष आवाज देती है और इसकी अद्भुत सुंदरता होती है।

8. बिछिया (Bichiya): यह अंगूठी पैरों की अंगुलियों में पहनी जाती है। इसे विवाह का एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है।

9. कलाइ (Kali): यह विशेष रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा पहनी जाती है और इसे एक सुहागिन का प्रतीक माना जाता है।

10. राखी (Rakhi): इसे भाई द्वारा बहन के लिए बांधा जाता है, लेकिन करवा चौथ पर इसे भी शामिल किया जाता है।

11. गजरा (Gajra): यह फूलों का हार होता है जो महिलाओं के बालों में सजाया जाता है। यह सुंदरता और नाजुकता का प्रतीक है।

12. उम्र (Umar): यह एक प्रकार का भव्य वस्त्र होता है जो शृंगार के दौरान पहना जाता है।

13. साड़ी (Saree): साड़ी का चुनाव भी श्रृंगार का एक हिस्सा है। यह महिला की खूबसूरती को निखारती है।

14. अंगूठी (Ring): अंगूठी को एक खास रिश्ते का प्रतीक माना जाता है, जो विवाहित जीवन को मजबूत बनाती है।

15. नथ (Nath): नथ नासिका में पहना जाने वाला आभूषण होता है। यह भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है।

16. पेटीकोट (Petticoat): यह साड़ी के नीचे पहना जाने वाला वस्त्र है, जो साड़ी की खूबसूरती को बढ़ाता है।

सोलह श्रृंगार का धार्मिक महत्व: करवा चौथ पर महिलाओं की सजावट का अर्थ

करवा चौथ पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं, जिसमें सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व होता है। यह सजावट केवल उनकी सुंदरता बढ़ाती है, बल्कि भारतीय संस्कृति और वैवाहिक जीवन की समृद्धि का प्रतीक भी है।

परंपरा का पालन: सोलह श्रृंगार भारतीय परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो महिलाओं की सुंदरता और आंतरिक शक्ति को दर्शाते हैं।

पति-पत्नी के संबंधों का प्रतीक: यह श्रृंगार पति के प्रति श्रद्धा और प्रेम को व्यक्त करते हैं, और करवा चौथ पर उनके संबंधों की गहराई को दर्शाते हैं।

धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा: सोलह श्रृंगार धार्मिक अनुष्ठानों का अभिन्न हिस्सा होते हैं, जो देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं।

सौभाग्य और सौंदर्य: इन्हें सौभाग्य और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, जिससे महिलाएं अपनी आंतरिक और बाह्य सुंदरता को बढ़ाती हैं।

सामाजिक पहचान: यह श्रृंगार महिलाओं की सामाजिक पहचान को भी दर्शाते हैं, उनके परिवार, समाज और संस्कृति के प्रति निष्ठा को स्पष्ट करते हैं।

आध्यात्मिक शुद्धता: धार्मिक मान्यता के अनुसार, सोलह श्रृंगार से आध्यात्मिक शुद्धता प्राप्त होती है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

आत्मविश्वास: सोलह श्रृंगार महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं, जिससे वे सजने पर एक अलग आकर्षण और आत्म-विश्वास महसूस करती हैं।

करवा चौथ पर सोलह श्रृंगार केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की गहराई और महिलाओं के समर्पण का प्रतीक है, जो उनके वैवाहिक जीवन में खुशियों और समृद्धि का संदेश लाता है।

 

 

 

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