दुनिया का सबसे पुराना शहर: वाराणसी (काशी) को दुनिया का सबसे पुराना निरंतर बसा हुआ शहर माना जाता है।

दुनिया का सबसे पुराना शहर: वाराणसी (काशी) को दुनिया का सबसे पुराना निरंतर बसा हुआ शहर माना जाता है।
Last Updated: 22 सितंबर 2024

वाराणसी, जिसे काशी और बनारस के नाम से भी जाना जाता है, दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है और इसे दुनिया का सबसे पुराना निरंतर बसा हुआ शहर माना जाता है। इसका इतिहास 3000 साल से भी पुराना है। यह शहर हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है। माना जाता है कि वाराणसी की स्थापना स्वयं भगवान शिव ने की थी, और यही कारण है कि इसे "शिव की नगरी" कहा जाता है।

वाराणसी के प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व:

धार्मिक स्थल: वाराणसी हिंदू धर्म का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। गंगा नदी के किनारे बसे इस शहर में हजारों मंदिर हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है काशी विश्वनाथ मंदिर। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं।

मुक्ति का स्थान: हिंदू धर्म में माना जाता है कि जो व्यक्ति वाराणसी में अंतिम सांस लेता है, उसे मोक्ष प्राप्त होता है। यहाँ की गंगा नदी में स्नान करने और अंतिम संस्कार करने की परंपरा सदियों पुरानी है। यहाँ के घाटों पर हर रोज हजारों लोग पूजा-पाठ और पवित्र स्नान के लिए आते हैं।

घाटों का शहर: वाराणसी अपने अद्वितीय घाटों के लिए प्रसिद्ध है। दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, और मणिकर्णिका घाट सबसे प्रसिद्ध घाटों में से हैं। मणिकर्णिका घाट विशेष रूप से मोक्ष प्राप्ति के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ अंतिम संस्कार किए जाते हैं।

वैदिक शिक्षा और ज्ञान का केंद्र: प्राचीन समय में वाराणसी को ज्ञान और शिक्षा का केंद्र माना जाता था। यहाँ अनेक ऋषि-मुनियों और विद्वानों ने अपना जीवन बिताया और अनेक धार्मिक ग्रंथों की रचना की। वाराणसी को वेदों और पुराणों में "ज्ञान की नगरी" कहा गया है।

बौद्ध धर्म का भी महत्वपूर्ण स्थल: वाराणसी से करीब 10 किलोमीटर दूर सारनाथ वह स्थान है जहाँ भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। यह स्थान बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थल है।

संगीत और साहित्य का प्रमुख केंद्र: वाराणसी भारतीय शास्त्रीय संगीत और साहित्य के लिए भी प्रसिद्ध है। यह शहर प्रसिद्ध संगीतकारों और कवियों का घर रहा है, जैसे कि संत कबीर, तुलसीदास, और महान शास्त्रीय गायक बिस्मिल्ला ख़ान।

समृद्ध संस्कृति और कला: वाराणसी की बुनाई कला और रेशमी साड़ियाँ विश्व प्रसिद्ध हैं। "बनारसी साड़ी" भारतीय शादियों और विशेष अवसरों पर पहनी जाती है और इसे बुनाई का एक अद्भुत उदाहरण माना जाता है।

गंगा आरती: वाराणसी के घाटों पर हर शाम गंगा आरती की जाती है, जो एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान है। यह अद्वितीय दृश्य सैकड़ों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है। गंगा आरती के दौरान धूप, दीपक, और मंत्रोच्चार से वातावरण दिव्य हो जाता है।

महात्मा गांधी का काशी विद्यापीठ: यह विश्वविद्यालय वाराणसी में स्थित है और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय स्थापित किया गया था। यह शिक्षा और स्वाधीनता आंदोलन का प्रमुख केंद्र था।

वाराणसी की आधुनिक छवि:

आज वाराणसी प्राचीनता और आधुनिकता का एक अनूठा मिश्रण है। यहाँ के संकरे गलियों में पारंपरिक व्यापार चलता है, तो वहीं आधुनिक विश्वविद्यालय और संस्थान भी हैं। शहर की संस्कृति और परंपराएँ हज़ारों साल पुरानी हैं, लेकिन यह शहर विकास की दिशा में भी अग्रसर है।

एक विशेष तथ्य:

माना जाता है कि जब पृथ्वी पर सभी जगह जीवन समाप्त हो जाएगा, तब भी वाराणसी एकमात्र स्थान होगा जो भगवान शिव की कृपा से बचा रहेगा। इसी कारण इसे "अनंत नगरी" भी कहा जाता है।

वाराणसी केवल एक शहर नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता, और इतिहास का प्रतीक है। इसके घाट, मंदिर, संकरी गलियाँ, और यहाँ की धार्मिक परंपराएँ इसे अद्वितीय बनाती हैं।

 

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