झारखंड स्थापना दिवस हर साल 15 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन झारखंड राज्य के गठन की वर्षगांठ है, जब 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में अस्तित्व में लाया गया। इस दिन को आदिवासी नेता भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है, जिन्हें राज्य के लोगों के बीच आज भी अत्यधिक सम्मान और श्रद्धा प्राप्त है।
झारखंड स्थापना दिवस 2024 15 नवंबर को मनाया जाएगा। यह दिन विशेष रूप से राज्य के गठन की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है, जब 15 नवंबर 2000 को झारखंड को बिहार से अलग होकर एक स्वतंत्र राज्य के रूप में अस्तित्व में लाया गया था। इस दिन का महत्व और इसके साथ जुड़ी आदिवासी संस्कृति, विकास और समृद्धि को लेकर उत्सव मनाने का प्रचलन है।
झारखंड स्थापना दिवस का इतिहास
झारखंड का गठन 15 नवंबर 2000 को हुआ, जब बिहार पुनर्गठन अधिनियम के तहत झारखंड को एक अलग राज्य बनाया गया।
यह दिन आदिवासी नेता भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें राज्य के आदिवासी समुदाय द्वारा "भगवान" के रूप में पूजा जाता है। बिरसा मुंडा ने आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्ष किया था और उनकी जयंती राज्य के लोगों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है।
झारखंड स्थापना दिवस 2024 का महत्व
आदिवासी संस्कृति और पहचान का उत्सव: यह दिन झारखंड के आदिवासी समुदाय की संस्कृति, रीति-रिवाजों और परंपराओं को मान्यता देने का दिन है। इस दिन राज्य में छऊ नृत्य और अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया जाता है।
राज्य के विकास को सेलिब्रेट करना: यह दिन झारखंड के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए किए गए प्रयासों की सराहना करने का अवसर है। राज्य में खनिज संसाधनों की प्रचुरता, कृषि, और औद्योगिकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
आदिवासी नेता बिरसा मुंडा को सम्मान: बिरसा मुंडा का योगदान झारखंड की स्वतंत्रता संग्राम में अहम रहा है, और उन्हें इस दिन विशेष सम्मान दिया जाता है।
झारखंड स्थापना दिवस 2024 की थीम
इस वर्ष की झारखंड स्थापना दिवस 2024 की थीम के बारे में अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। पिछले वर्षों की थीम में "आदिवासी संस्कृति", "राज्य का समृद्धि", "समानता और एकता", और "झारखंड की पहचान" जैसे विषय शामिल रहे हैं। जैसे ही राज्य सरकार इस वर्ष की थीम घोषित करती है, इसे इस पृष्ठ पर अपडेट किया जाएगा।
मुख्य कार्यक्रम और उत्सव
सांस्कृतिक कार्यक्रम: राज्य भर में पारंपरिक नृत्य जैसे छऊ नृत्य और अन्य सांस्कृतिक प्रदर्शनों का आयोजन होता है।
प्रशासनिक आयोजनों में सहभागिता: सरकारी दफ्तरों में इसे एक राज्य अवकाश के रूप में मनाया जाता है, और विभिन्न सरकारी आयोजनों में भाग लिया जाता है।
कार्यशालाएं और प्रतियोगिताएं: स्कूलों और कॉलेजों में प्रश्नोत्तरी, निबंध लेखन और कला प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, ताकि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और इतिहास को बढ़ावा दिया जा सके।
धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में भागीदारी: आदिवासी समुदाय के लोग इस दिन को विशेष रूप से भगवान बिरसा मुंडा की पूजा और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करके मनाते हैं।
झारखंड स्थापना दिवस 2024 एक महत्वपूर्ण दिन है, जो राज्य के गठन और आदिवासी समाज के संघर्ष और गौरव का प्रतीक है। यह दिन राज्य की सांस्कृतिक धरोहर, विकास और समृद्धि को मनाने का अवसर है। इस दिन आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में राज्य के लोग अपनी संस्कृति और इतिहास को गर्व के साथ प्रस्तुत करते हैं।