प्रयागराज में 2026 में आयोजित होने वाले माघ मेला की तैयारियाँ शुरू हो गई हैं। इस संदर्भ में संतों ने प्रशासन से मांग की है कि मेला क्षेत्र में केवल हिंदू ठेकेदारों को ही काम सौंपा जाए। उनका कहना है कि गैर-सनातनी ठेकेदार धार्मिक परंपराओं और पवित्रता को बनाए रखने में सक्षम नहीं होते। संतों का यह भी मानना है कि अन्य धर्मों के ठेकेदार मेला की धार्मिक भावना को कमजोर कर सकते हैं।
स्वामी ब्रह्माश्रम ने कहा कि माघ मेला एक पवित्र आयोजन है, जिसमें सनातन धर्मावलंबी पवित्र भाव से आते हैं। उन्होंने मक्का का उदाहरण देते हुए कहा कि वहाँ भी धार्मिक स्थलों के निर्माण में केवल मुस्लिम ठेकेदारों को ही काम सौंपा जाता है। इसी तरह, माघ मेला में भी केवल हिंदू, सिख, बौद्ध, और जैन ठेकेदारों को ही काम दिया जाना चाहिए।
संतों ने प्रशासन से अपील की है कि वे इस मामले में सतर्क रहें, अन्यथा वे विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं।
माघ मेला 2026 की तारीख़ें और प्रमुख स्नान पर्व
माघ मेला 2026 का आयोजन 3 जनवरी से 15 फरवरी तक होगा। इस दौरान 6 प्रमुख स्नान पर्व आयोजित होंगे, जिनमें से प्रमुख हैं:
1 फरवरी: माघी पूर्णिमा 15 फरवरी: महाशिवरात्रि
मेला क्षेत्र में सुरक्षा, स्वच्छता, आवास और यातायात प्रबंधन को लेकर योजनाओं पर काम तेज़ किया गया है।
बजट और प्रशासनिक तैयारियाँ
माघ मेला की तैयारियों के लिए शासन ने 42 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है, जबकि मेला प्राधिकरण ने 120 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा था।