National Croissant Day 2025: हर साल 30 जनवरी को राष्ट्रीय क्रोइसैन दिवस मनाया जाता है, जो इस मक्खनी, परतदार और स्वादिष्ट पेस्ट्री का जश्न मनाने का एक खास मौका है। यह दिन उन लोगों के लिए खास होता है जो अपने नाश्ते में क्रोइसैन के कुरकुरे और मुलायम स्वाद का आनंद लेते हैं। हालांकि आमतौर पर इसे फ्रांसीसी व्यंजन माना जाता है, लेकिन इसका असली जन्मस्थान ऑस्ट्रिया है। आइए जानते हैं इस खास दिन का इतिहास, महत्व और इसे मनाने के बेहतरीन तरीके।
क्रोइसैन का इतिहास
क्रोइसैन की शुरुआत ऑस्ट्रिया में हुई थी, जहां इसे "किपफर्ल" कहा जाता था। 17वीं शताब्दी में जब ऑस्ट्रियाई राजकुमारी मैरी एंटोनेट फ्रांस की रानी बनीं, तो उन्होंने अपने मातृभूमि के इस खास व्यंजन को वहां भी लोकप्रिय बना दिया। फ्रांसीसी बेकरों ने इसमें थोड़ा बदलाव किया और इसे और भी परिष्कृत बना दिया, जिससे "क्रोइसैन" का जन्म हुआ।
आज, क्रोइसैन सिर्फ फ्रांस ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में एक पसंदीदा पेस्ट्री बन चुका है। इसे विभिन्न स्वादों में बनाया जाता है – चॉकलेट, चीज़, बादाम और जैम से भरे हुए क्रोइसैन दुनियाभर में मशहूर हैं।
कैसे बनता है एक परफेक्ट क्रोइसैन?
क्रोइसैन की सबसे खास बात उसकी परतदार बनावट होती है, जो इसे बेकिंग की दुनिया का एक अनोखा चमत्कार बनाती है। इसे बनाने के लिए खास तकनीक अपनाई जाती है, जिसमें आटे और मक्खन की परतों को कई बार मोड़ा और बेलकर गूंथा जाता हैं।
• मैदा – यह पेस्ट्री को हल्का और परतदार बनाता हैं।
• मक्खन – असली फ्रेंच क्रोइसैन की जान।
• खमीर – जिससे क्रोइसैन फूलकर हल्का और मुलायम बनता हैं।
• दूध और नमक – स्वाद और बनावट को संतुलित करने के लिए।
राष्ट्रीय क्रोइसैन दिवस कैसे मनाएं?
• इस दिन का सबसे अच्छा तरीका है कि आप खुद क्रोइसैन बनाने की कोशिश करें। हालांकि यह प्रक्रिया लंबी हो सकती है, लेकिन जब आप अपने हाथों से बने मक्खनी क्रोइसैन का स्वाद लेंगे, तो यह हर मेहनत के लायक लगेगा।
• क्रोइसैन सिर्फ सादा खाने के लिए नहीं होता! आप इसे चॉकलेट, बादाम, चीज़, हैम या जैम से भर सकते हैं और इसे और भी खास बना सकते हैं।
• अगर आप बेकिंग में रुचि रखते हैं, तो किसी बेकरी वर्कशॉप में शामिल होकर इस खास कला को सीख सकते हैं।
• इस मौके को खास बनाने के लिए अपने दोस्तों और परिवार के साथ ब्रेकफास्ट गेट-टुगेदर करें, जहां हर कोई अपने पसंदीदा क्रोइसैन का लुत्फ उठा सके।
क्रोइसैन से जुड़ी रोचक बातें
• असली फ्रेंच क्रोइसैन बिना अंडे के बनाए जाते हैं, जबकि अन्य देशों में इसे अंडे के साथ भी तैयार किया जाता हैं।क्रोइसैन का आकार अर्धचंद्र (Crescent) जैसा होता है, जो इसके नाम का भी आधार हैं। पारंपरिक फ्रांसीसी क्रोइसैन में लगभग 60-70 परतें होती हैं!
• एक फ्रेंच व्यक्ति औसतन हर साल 500 क्रोइसैन खा जाता हैं।
हम क्रोइसैन से इतना प्यार क्यों करते हैं?
• मक्खनी और परतदार बनावट – हर बाइट में कुरकुरापन और नरम स्वाद।
• नाश्ते के लिए परफेक्ट – हल्का, स्वादिष्ट और पेट भरने वाला।
• हर किसी के लिए कुछ न कुछ – मीठे से लेकर नमकीन तक, हर स्वाद में उपलब्ध।
• ऑन-द-गो स्नैक – बिना प्लेट के भी आराम से खाया जा सकता हैं।
राष्ट्रीय क्रोइसैन दिवस सिर्फ एक पेस्ट्री का जश्न नहीं है, बल्कि यह खाने और संस्कृति के मेल का उत्सव है। तो इस 30 जनवरी, आप भी अपने दिन की शुरुआत एक स्वादिष्ट और मक्खनी क्रोइसैन के साथ करें और इस खास दिन को यादगार बनाएं!