Raghuram Rajan's Birthday: रघुराम राजन अपना जन्मदिन 3 फरवरी को मनाते हैं। रघुराम गोविंद राजन का जन्म 3 फरवरी 1963 को भोपाल में हुआ। उनके जीवन की शुरुआत एक साधारण परिवार में हुई, लेकिन उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक महान अर्थशास्त्री बना दिया।
राजन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल, आर के पुरम से की। इसके बाद उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। अपनी अकादमिक उपलब्धियों के साथ ही वे हमेशा अपनी नेतृत्व क्षमता के लिए भी जाने गए। इसके बाद, उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM), अहमदाबाद से एमबीए की डिग्री हासिल की।
1991 में, रघुराम राजन ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। उनके शोध कार्य ने उन्हें वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई, विशेष रूप से बैंकिंग और वित्तीय प्रणालियों के क्षेत्र में।
कैरियर की शुरुआत और उल्लेखनीय योगदान
रघुराम राजन का करियर एक अद्भुत यात्रा रहा है। शिकागो विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस में शिक्षण के बाद, वे 2003 से 2007 तक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में मुख्य अर्थशास्त्री और शोध निदेशक रहे। उनके काम को वैश्विक वित्तीय संकट के संदर्भ में भविष्यवाणी करने वाले महत्वपूर्ण विचारों के लिए सराहा गया।
2005 में, राजन ने अमेरिकी फेडरल रिजर्व के जैक्सन होल सम्मेलन में एक विवादास्पद भाषण दिया, जिसमें उन्होंने वित्तीय प्रणाली में बढ़ते जोखिमों के बारे में चेतावनी दी थी। इस भाषण ने वित्तीय जगत में हलचल मचा दी थी, लेकिन 2007-2008 के वित्तीय संकट के बाद, उनके विचारों को दूरदर्शिता के रूप में देखा जाने लगा। उन्हें 2003 में फिशर ब्लैक पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया, जो 40 वर्ष से कम उम्र के वित्तीय अर्थशास्त्रियों को दिया जाता हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर कार्यकाल
सितंबर 2013 में रघुराम राजन को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का 23वां गवर्नर नियुक्त किया गया। उनके कार्यकाल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। उन्होंने भारतीय बैंकों को नई शाखाएं खोलने के लिए लाइसेंस प्रणाली समाप्त की और मौद्रिक नीतियों में कठोर सुधार किए। उनकी नीतियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर और मजबूत बनाने में मदद की।
उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने भारतीय बैंकिंग प्रणाली को नए तरीके से आकार दिया और भारतीय रुपया की स्थिरता को बढ़ावा दिया। उन्होंने 'फाल्ट लाइन्स' नामक अपनी पुस्तक में वैश्विक अर्थव्यवस्था में मौजूद छिपे हुए खतरों को उजागर किया और यह साबित किया कि उन्होंने वैश्विक वित्तीय संकट की भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी।
सम्मान और पुरस्कार
रघुराम राजन को उनके योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं। 2014 में उन्हें 'सर्वश्रेष्ठ केंद्रीय बैंक गवर्नर' का पुरस्कार मिला, जबकि 2016 में उन्हें 'सर्वश्रेष्ठ केंद्रीय बैंकर' के रूप में सम्मानित किया गया। उनकी किताब 'फाल्ट लाइन्स' को 2010 में फाइनेंशियल टाइम्स / गोल्डमैन सैक्स बिजनेस बुक ऑफ द ईयर का पुरस्कार मिला।
वैश्विक वित्तीय संकट और भविष्यवाणी
रघुराम राजन की सबसे महत्वपूर्ण और दूरदर्शी भूमिका 2005 में आई थी, जब उन्होंने अपने शोधपत्र में वैश्विक वित्तीय संकट का पूर्वानुमान किया था। राजन ने बताया था कि वित्तीय प्रणाली में अत्यधिक जोखिम लिया जा रहा है, जो भविष्य में एक बड़ी आपदा का कारण बन सकता है। उनकी यह भविष्यवाणी 2007-2008 के वित्तीय संकट के समय सही साबित हुई, और उनके विचारों को अब एक दूरदर्शी दृष्टिकोण के रूप में देखा जाता है।
रघुराम राजन का योगदान
रघुराम राजन न केवल एक प्रमुख अर्थशास्त्री हैं, बल्कि उनके योगदान से पूरी दुनिया को लाभ हुआ है। उन्होंने आर्थिक नीति, बैंकिंग और वित्तीय संकटों के मामलों पर महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए हैं। उनके कार्य और विचार भविष्य में आने वाली पीढ़ियों के लिए एक आदर्श बने रहेंगे। उनका जीवन एक प्रेरणा है, जो यह सिद्ध करता है कि ज्ञान और समर्पण से किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती हैं।
रघुराम राजन का जीवन और उनका कार्य भारतीय और वैश्विक अर्थशास्त्र के इतिहास में अमिट छाप छोड़ चुका है। उनका कार्यकाल भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में और उनके वैश्विक योगदान ने उन्हें एक प्रतिष्ठित स्थान दिलवाया है। आज, वे न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था के संरक्षक हैं, बल्कि एक ऐसा नाम बन चुके हैं, जो वित्तीय जगत में हमेशा याद किया जाएगा।