विश्व खाद्य दिवस 2024: इतिहास, थीम, उद्देश्य और महत्व

विश्व खाद्य दिवस 2024: इतिहास, थीम, उद्देश्य और महत्व
Last Updated: 2 दिन पहले

हर साल 16 अक्टूबर कोविश्व खाद्य दिवसके रूप में मनाया जाता है, जो 1945 मेंसंयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) की स्थापना की याद में है। FAO एक विशेष एजेंसी है, जो भूख को समाप्त करने के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयासों का संचालन करती है। इसका मुख्यालय रोम, इटली में स्थित है। पहली बार विश्व खाद्य दिवस का आयोजन 1979 में किया गया था, और तभी से यह दिन हर वर्ष मनाया जाता है। FAO का प्राथमिक उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी लोगों को पर्याप्त, सुरक्षित और पौष्टिक भोजन प्राप्त हो। इस वर्ष, 2024 की विश्व खाद्य दिवस की थीम है ‘Right to foods for a better life and a better future’ यह थीम खाद्य सुरक्षा के अधिकार को उजागर करती है, जिससे यह संदेश मिलता है कि सभी को स्वस्थ और समृद्ध जीवन जीने के लिए आवश्यक पोषण मिलना चाहिए। आइए, अब हम विश्व खाद्य दिवस के इतिहास, इसकी महत्वता और उद्देश्यों पर विस्तार से चर्चा करें, ताकि हम इसके पीछे के उद्देश्य को बेहतर तरीके से समझ सकें।

विश्व खाद्य दिवस के बारे में

भारत में पहल: भारत सरकार भी इस दिशा में कई योजनाएं चलाती है, जैसे 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना' और 'अंत्योदय अन्न योजना', जो खासकर कमजोर वर्ग के लिए खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देती हैं।

विश्व खाद्य दिवस का इतिहास

स्थापना: विश्व खाद्य दिवस की स्थापना 16 अक्टूबर 1945 को 'संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन' (FAO) की स्थापना के उपलक्ष्य में की गई थी। FAO एक अंतरराष्ट्रीय एजेंसी है, जिसका उद्देश्य वैश्विक भूख और कुपोषण की समस्याओं का समाधान करना है।

पहला उत्सव: पहली बार विश्व खाद्य दिवस 1979 में मनाया गया। इस दिन का आयोजन भूखमरी के खिलाफ जागरूकता फैलाने और खाद्य सुरक्षा की आवश्यकता को उजागर करने के लिए किया गया था।

विश्व खाद्य दिवस का उद्देश्य और महत्व

उद्देश्य

भूखमरी के खिलाफ जागरूकता: विश्व खाद्य दिवस का मुख्य उद्देश्य भूख और कुपोषण की समस्या के प्रति जागरूकता फैलाना है। यह दिन समाज को प्रेरित करता है कि वे इस दिशा में सक्रिय कदम उठाएं।

खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देना: यह दिवस खाद्य सुरक्षा के महत्व को उजागर करता है, ताकि सभी लोगों को पर्याप्त, सुरक्षित और पोषणयुक्त भोजन मिल सके।

सतत विकास लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करना: यह दिन सतत विकास लक्ष्य 2 (SDG 2) यानी "जीरो हंगर" पर जोर देता है, जिससे लोगों को यह समझने में मदद मिलती है कि सभी के लिए भोजन सुनिश्चित करना कितना आवश्यक है।

समुदायों को प्रेरित करना: विश्व खाद्य दिवस विभिन्न समुदायों और सरकारों को भूखमरी के खिलाफ ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित करता है, जैसे कि खाद्य वितरण प्रणाली को बेहतर बनाना और पोषण शिक्षा को बढ़ावा देना।

सही पोषण का प्रचार: यह दिन लोगों को सही और संतुलित आहार के महत्व के बारे में शिक्षित करता है, ताकि वे स्वस्थ जीवनशैली अपना सकें

महत्व

वैश्विक एकजुटता: विश्व खाद्य दिवस सभी देशों को एकजुट होने और भूखमरी के खिलाफ सामूहिक प्रयास करने के लिए प्रेरित करता है।

नीतिगत बदलाव: यह दिन नीति निर्धारकों को खाद्य सुरक्षा के लिए आवश्यक नीतियों को विकसित करने और लागू करने की दिशा में प्रोत्साहित करता है।

शिक्षा और जागरूकता: विश्व खाद्य दिवस से संबंधित कार्यक्रमों के माध्यम से, लोगों को खाद्य सुरक्षा, कुपोषण, और भूख के मुद्दों के बारे में जानकारी मिलती है, जिससे वे खुद को और दूसरों को इस दिशा में प्रेरित कर सकते हैं।

सामाजिक न्याय: यह दिन समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों और उनकी खाद्य आवश्यकताओं को उठाने का एक मंच प्रदान करता है, जिससे सामाजिक न्याय की दिशा में कदम उठाए जा सकें।

स्थायी विकास: यह खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सतत विकास के सिद्धांतों को अपनाने के महत्व को बढ़ावा देता है, जिससे भविष्य की पीढ़ियों के लिए संसाधनों का संरक्षण हो सके।

विश्व खाद्य दिवस 2024 की थीम

2024: बेहतर जीवन और बेहतर भविष्य के लिए भोजन का अधिकार

पिछले वर्षों की थीम

2023: जल ही जीवन है, जल ही भोजन है; किसी को पीछे छोड़ें

2022: किसी को पीछे छोड़ें

2021: स्वस्थ कल के लिए अब सुरक्षित भोजन

2020: बढ़ो, पोषण करो, कायम रहो। एक साथ। हमारे कार्य ही हमारा भविष्य हैं

2019: शून्य भूख

ग्लोबल हंगर इंडेक्स क्या होता है

ग्लोबल हंगर इंडेक्स (Global Hunger Index) एक अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर में भूखमरी और पोषण संकट की स्थिति का मूल्यांकन करना है। यह इंडेक्स देशों के बीच भूख की समस्या को मापने के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण पैरामीटर्स का उपयोग करता है।

मुख्य पैरामीटर्स

शिशु मृत्यु दर: पांच साल से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु दर।

भोजन की उपलब्धता: सामान्य जनसंख्या के लिए भोजन की उपलब्धता।

कुपोषण दर: बच्चों में कुपोषण के स्तर को मापना।

उद्देश्य

ग्लोबल हंगर इंडेक्स का मुख्य उद्देश्य भूखमरी के स्तर को कम करना और खाद्य सुरक्षा को सुधारने के लिए सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को मार्गदर्शन प्रदान करना है। यह इंडेक्स विभिन्न देशों की स्थिति को रैंकिंग के माध्यम से स्पष्ट करता है, जिससे सुधार के क्षेत्रों की पहचान की जा सके।

भारत की रैंकिंग

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 में भारत को 125 देशों में से 111वां स्थान मिला, जो कि भूख और कुपोषण की गंभीर स्थिति को दर्शाता है। पिछले वर्षों में भारत की रैंकिंग में गिरावट आई है, जिससे यह समस्या और भी गंभीर होती जा रही है।

 

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