यूपी विधानसभा चुनाव 2027 को लेकर अभी से ही राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। इसी क्रम में वाराणसी के पिंडरा विधानसभा क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस नेता अजय राय ने बड़ा बयान दिया।
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कांग्रेस नेता अजय राय ने ऐसा बयान दिया है जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। पिंडरा विधानसभा क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अजय राय ने कहा कि अगर जनता उन्हें 2027 में विधानसभा चुनाव जिताती है, तो वे वादा करते हैं कि 2029 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वाराणसी छोड़ने पर मजबूर कर देंगे। इतना ही नहीं, अजय राय ने यहां तक कह दिया कि अगर वह ऐसा नहीं कर पाए, तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे।
अजय राय का यह बयान ऐसे समय में आया है जब उत्तर प्रदेश में 2027 विधानसभा चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन पहले से ही सक्रियता दिखा रहा है। उनके इस बयान ने साफ संकेत दे दिए हैं कि वे खुद पिंडरा से फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं और वाराणसी में बीजेपी के सामने बड़ा राजनीतिक मुकाबला पेश करने का इरादा रखते हैं।
'अगर 2029 में मोदी बनारस नहीं छोड़ेंगे तो मैं छोड़ दूंगा राजनीति'
अजय राय ने मंच से बोलते हुए कहा, आप लोग हमें 2027 में जिताइए, मैं वादा करता हूं कि 2029 में मोदी जी बनारस छोड़कर नहीं भागे तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। उन्होंने अपने भाषण में यह भी जोड़ा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सत्ता की ताकत के बल पर जीत हासिल की, वरना कांग्रेस यहां जीतने की स्थिति में थी।
राय ने दावा किया कि अगर 2022 में पिंडरा से कांग्रेस जीतती, तो 2024 लोकसभा चुनाव में भी वाराणसी का परिणाम कुछ और होता। उनका यह बयान कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
इंडिया गठबंधन पर भरोसा
अजय राय ने साफ किया कि 2027 में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य दलों के साथ मिलकर इंडिया गठबंधन के बैनर तले ही चुनाव लड़ेगी। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहे, जिन्होंने मंच से इंडिया गठबंधन को उत्तर प्रदेश में मजबूत करने का आह्वान किया। भूपेश बघेल ने कहा कि अजय राय जैसे जमीनी नेताओं की ताकत पर कांग्रेस को भरोसा है और आने वाले विधानसभा चुनाव में वे बीजेपी को कड़ी चुनौती देंगे।
अजय राय का वाराणसी से गहरा जुड़ाव रहा है। वे यहां से कई बार विधानसभा और लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। 2009, 2014, 2019 और 2024 में उन्होंने मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार का सामना करना पड़ा। हालांकि पिंडरा विधानसभा से वे विधायक भी रह चुके हैं और स्थानीय स्तर पर मजबूत पकड़ रखते हैं। ऐसे में उनका 2029 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी को हराने का दावा, उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा और रणनीति को जाहिर करता है।
2027 के सियासी रण की शुरुआत
उत्तर प्रदेश की राजनीति में 2027 का विधानसभा चुनाव बेहद अहम माना जा रहा है। अखिलेश यादव पहले ही संकेत दे चुके हैं कि समाजवादी पार्टी इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर बीजेपी को सत्ता से हटाने का प्रयास करेगी। अब अजय राय के इस बयान से साफ हो गया है कि कांग्रेस भी अपनी रणनीति बनाकर उसी दिशा में आगे बढ़ रही है।
अगर कांग्रेस 2027 में अच्छा प्रदर्शन करती है तो निश्चित तौर पर 2029 के लोकसभा चुनाव में मोदी को वाराणसी में टक्कर देना आसान होगा। लेकिन यह उतना भी सरल नहीं होगा क्योंकि मोदी ने वाराणसी में लगातार तीन बार जबरदस्त जीत दर्ज की है और बीजेपी का संगठन बेहद मजबूत है। अजय राय के इस बयान के बाद वाराणसी में चर्चा तेज हो गई है। कुछ लोग इसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरने की कोशिश मान रहे हैं, जबकि बीजेपी समर्थकों का कहना है कि अजय राय को हर बार की तरह इस बार भी हार का सामना करना पड़ेगा।