राम मंदिर के शिखर पर फहराए जाने वाले ध्वज का आकार, प्रकार और रंग रूप तय कर लिया गया है। विवाह पंचमी के दिन, 25 नवंबर को आयोजित होने वाले ध्वजारोहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 191 फीट ऊंचे राम मंदिर के शिखर पर यह ध्वज फहराएंगे। इ
अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि पर बने राम मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को त्रिकोणाकार भगवा ध्वज फहराएंगे। यह ध्वजारोहण समारोह विवाह पंचमी के दिन आयोजित होगा। धर्म और संस्कृति के दृष्टिकोण से इस कार्यक्रम का विशेष महत्व है और यह अयोध्या की धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन संभावनाओं को भी नई ऊँचाई देगा।
ध्वज का आकार, रंग और प्रतीक
ध्वज त्रिकोणाकार होगा, जिसकी चौड़ाई 11 फीट और लंबाई 22 फीट होगी। इस पर सूर्यवंशी और त्रेता युग का प्रतीक अंकित रहेगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस ध्वज के रूप, आकार और प्रतीक पर पूर्ण सहमति दे दी है। धार्मिक समिति की शुक्रवार को हुई बैठक में इस ध्वजारोहण कार्यक्रम की रूपरेखा पर चर्चा की गई।
समिति के सदस्य गोपाल राव ने बताया कि समारोह में आठ से दस हजार अतिथियों के शामिल होने की संभावना है। अंतिम सूची तैयार की जा रही है। बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी, सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा, गोपाल राव सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
दीपोत्सव में सरयू तट की भव्य सजावट
ध्वजारोहण समारोह के साथ ही अयोध्या में 36वां दीपोत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान सरयू नदी के तट को लाल बलुआ पत्थरों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जा रहा है। घाटों पर दीपमालाएं सजाई जा रही हैं, जिससे दृश्य अत्यंत भव्य और अलौकिक प्रतीत होगा। उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम की देखरेख में चल रहे घाटों के सुंदरीकरण का कार्य अंतिम चरण में है। घाटों पर धार्मिक और ऐतिहासिक शिलालेख लगाकर पर्यटकों और श्रद्धालुओं को यहां की परंपरा और संस्कृति से परिचित कराया जाएगा।
सरयू तट की दीवारों और सीढ़ियों पर आधुनिक तकनीक से युक्त लाइटें लगाई जा रही हैं, जो रात में पूरे तट को सुनहरी आभा से नहलाएंगी। राम की पैड़ी से लेकर लक्ष्मण घाट तक हर 300 मीटर पर छतरियों का निर्माण किया जा रहा है, जहां श्रद्धालु आराम कर सकेंगे।
श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए सुविधाएं
दीपोत्सव के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बैठने की व्यवस्था, रोशनी, टॉयलेट, चेंजिंग रूम, पीने का पानी और रैंप जैसी मूलभूत सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि शेष काम 15 अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा। इस नई साज-सज्जा के साथ, दीपोत्सव के समय सरयू तट पर लाखों दीपों की चमक अयोध्या की पहचान बन जाएगी। श्रद्धालु रामनगरी की आस्था में डूबेंगे, जबकि देश-विदेश से आए पर्यटक यहां की स्थापत्य कला, संस्कृति और दिव्यता के साक्षी बनेंगे।
राम मंदिर का शिखर और इस पर फहराया जाने वाला भगवा ध्वज धार्मिक प्रतीक के साथ-साथ राष्ट्रीय पहचान का भी प्रतीक है। यह ध्वजारोहण कार्यक्रम अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक महत्व को वैश्विक स्तर पर उजागर करेगा।