आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि इस बार 10 जुलाई 2025 को पड़ रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इसी दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व भी मनाया जाएगा। यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा पर विधिपूर्वक पूजा और कुछ खास उपाय करने से जीवन की कई परेशानियों से राहत मिलती है और धन-संपत्ति में वृद्धि के योग बनते हैं।
पूजा का समय और महत्व
पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 10 जुलाई की सुबह से ही हो जाएगी और चंद्रोदय का समय शाम 7 बजकर 20 मिनट पर रहेगा। इस दिन विष्णु जी की पूजा के साथ-साथ मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए खास उपाय किए जाते हैं, जिससे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
विष्णु लक्ष्मी की पूजा से बढ़ेगा सौभाग्य
इस दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें। भगवान विष्णु को पीले पुष्प, तुलसी दल और सफेद चंदन चढ़ाएं। वहीं, माता लक्ष्मी को लाल फूल, खीर और केसरयुक्त दूध अर्पित करें। पूजा के दौरान विष्णु सहस्त्रनाम, लक्ष्मी चालीसा या कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना विशेष फलदायक माना जाता है।
परिवार में क्लेश हो तो करें ये उपाय
अगर घर में अक्सर विवाद की स्थिति बनी रहती है या पारिवारिक शांति भंग रहती है तो आषाढ़ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु को सफेद चंदन का तिलक लगाएं और पूजा के बाद घर के मुख्य द्वार पर घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और कलह की स्थिति में सुधार आता है।
धन वृद्धि के लिए कौड़ियों का प्रयोग
इस दिन 11 पीली कौड़ियों को लें और उन पर हल्दी का लेप कर दें। पूजा के समय इन्हें माता लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। पूजा संपन्न होने के बाद इन कौड़ियों को अपने धन स्थान या तिजोरी में रखें। यह उपाय धन आगमन के नए मार्ग खोलने वाला माना गया है।
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए अर्पित करें लाल फूल और खीर
आषाढ़ पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें लाल कमल या गुलाब के फूल अर्पित करें और खीर का भोग लगाएं। इसके बाद कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें। धार्मिक मान्यता है कि इस स्तोत्र के प्रभाव से धन से जुड़ी परेशानियों का समाधान होने लगता है।
दान और जरूरतमंदों की सेवा का दिन
आषाढ़ पूर्णिमा पर जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, फल और द्रव्य का दान करना पुण्यकारी होता है। कहा जाता है कि इस दिन दिया गया दान कई गुना फल देता है। विशेष रूप से पीले वस्त्र, चने की दाल, घी, मिठाई और धार्मिक पुस्तकें दान करने का विधान है।
सत्यनारायण भगवान की कथा का विशेष महत्व
आषाढ़ पूर्णिमा पर सत्यनारायण व्रत कथा का आयोजन करना अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन घर में इस कथा का आयोजन कराने से न सिर्फ नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है बल्कि घर में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है। कथा के दौरान भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं और प्रसाद के रूप में फल, खीर और पंचमेवा अर्पित करें।
चंद्रमा को अर्घ्य देना लाभकारी
पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा को अर्घ्य देने की परंपरा भी है। शाम को चंद्रोदय के समय साफ जल में मिश्री और दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें। इसके साथ मन में सुख, शांति और धन वृद्धि की कामना करें। ऐसा करने से मानसिक शांति मिलती है और मनोबल भी बढ़ता है।
पितरों की कृपा के लिए करें ये उपाय
इस दिन पितरों को स्मरण कर उन्हें तिल-जल अर्पण करें और जरूरतमंद ब्राह्मणों को भोजन कराएं। इससे पूर्वजों की कृपा प्राप्त होती है और पारिवारिक सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।
गुरु को अर्पण करें श्रद्धा
गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु या शिक्षक को याद कर उन्हें पुष्प अर्पित करें। अगर संभव हो तो उन्हें कोई उपहार या यथासंभव दक्षिणा दें। इस दिन गुरु के चरणों में आस्था प्रकट करने से जीवन में मार्गदर्शन और ज्ञान का प्रवाह बना रहता है।