सर्दियों में बिस्तर से उठते ही करें ये काम, बच सकते हैं हार्ट अटैक और स्ट्रोक से

सर्दियों में बिस्तर से उठते ही करें ये काम, बच सकते हैं हार्ट अटैक और स्ट्रोक से
Last Updated: 11 दिसंबर 2024

सर्दियों में ठंड के कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामले बढ़ जाते हैं। खासकर सुबह बिस्तर से उठने के बाद की गलत आदतें खतरे को और बढ़ाती हैं। ठंड के कारण रक्त वाहिनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और दिल व दिमाग पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।

सर्दियों में हार्ट अटैक

सर्दियों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामलों में इजाफा हो जाता है। इसका प्रमुख कारण ठंडी का असर और बिस्तर से उठने के दौरान की गई गलतियां हो सकती हैं। इस बार मौसम में रिकॉर्ड तोड़ ठंड पड़ने की संभावना जताई जा रही है, जो हमारी सेहत पर गंभीर असर डाल सकती है।

कड़ाके की सर्दी में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लगती हैं, जिससे खून की सप्लाई धीमी हो जाती है और ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है। खासकर सुबह के समय हार्ट अटैक के मामले ज्यादा सामने आते हैं।

इससे बचने के लिए, बिस्तर से उठने से पहले कुछ सेकंड तक बैठने का समय निकालें। ठंड में खून गाढ़ा हो जाता है, और यदि आप अचानक उठते हैं तो खून दिल और दिमाग तक सही से नहीं पहुंच पाता। इसका नतीजा हार्ट अटैक और स्ट्रोक के रूप में सामने आ सकता है। इसलिए, बिस्तर से उठने के बाद कुछ समय बैठें, फिर अपने पैरों को नीचे लटकाकर 1 मिनट तक रखें और फिर स्वेटर या जैकेट पहनकर उठें। इससे आपके ब्लड सर्कुलेशन को सही बनाए रखा जा सकता है।

सर्दियों में इन टिप्स को अपनाकर आप खुद को हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचा सकते हैं।

सर्दियों में हार्ट अटैक के क्या कारण हैं?

सर्दी का मौसम दिल के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ठंडे तापमान के कारण रक्त वाहिनियों में संकुचन हो जाता है, जिससे खून की आपूर्ति धीमी हो जाती है और ब्लड प्रेशर भी बढ़ने लगता है। इस कारण हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। सर्दियों में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है, खासकर जब शरीर अचानक ठंडी हवा का सामना करता है। ऐसे में ठंड से बचाव और सही तरीके से उठने की आदतें अपनाना बेहद जरूरी हो जाता है।

सर्दियों में हार्ट अटैक के लक्षण

सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ठंडे तापमान के कारण रक्त वाहिनियां संकुड़ जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है और ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा रहता है। ऐसे में इन लक्षणों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है:

हाई ब्लड प्रेशर (बीपी): ठंड में रक्त वाहिनियों के संकुचन के कारण रक्तचाप बढ़ सकता है, जो दिल पर अतिरिक्त दबाव डालता है।

हाई शुगर और हाई कोलेस्ट्रॉल: शुगर और कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से दिल की सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है, खासकर सर्दियों में।

सीने में दर्द: अगर सीने में दर्द या भारीपन महसूस हो, तो यह हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

पसीना आना: ठंड के मौसम में बिना शारीरिक मेहनत के पसीना आना भी एक चेतावनी हो सकती है, खासकर हार्ट अटैक के दौरान।

सर्दियों में इन लक्षणों को पहचानकर सतर्क रहना बेहद आवश्यक है ताकि तुरंत उपचार लिया जा सके और दिल की सेहत को बचाया जा सके।

अपने दिल की ताकत कैसे परखें?

सीढ़ियां चढ़ें: 1 मिनट में 50-60 सीढ़ियां चढ़ने से आपकी कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस में सुधार होता है और रक्त संचार बेहतर होता है।

सिट-अप्स करें: लगातार 20 सिट-अप्स करने से आपके शरीर की ताकत और सहनशक्ति बढ़ती है, जो दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है।

ग्रिप टेस्ट करें: एक जार का ढक्कन खोलने का प्रयास करें। इससे आपकी मांसपेशियों की ताकत का पता चलता है, जो दिल की सेहत से जुड़ी होती है।

कार्डियक अरेस्ट से कैसे बचें?

तंबाकू और शराब छोड़ें: इन आदतों से दिल पर सीधा असर पड़ता है। इन्हें छोड़ने से रक्त संचार बेहतर होता है और दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।

जंक फूड की बजाय हेल्दी खाना खाएं: तला-भुना और मसालेदार खाना दिल की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए संतुलित आहार जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन करें।

योग और प्राणायाम करें: रोजाना योग और प्राणायाम से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों में सुधार आता है, जिससे दिल की सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

वॉकिंग, जॉगिंग और साइकिलिंग करें: नियमित शारीरिक गतिविधियां जैसे वॉकिंग, जॉगिंग और साइकिलिंग से रक्त संचार बेहतर होता है, जो दिल के लिए फायदेमंद है।

तनाव से बचें और समस्याओं को शेयर करें: मानसिक तनाव दिल पर भारी पड़ सकता है, इसलिए तनाव को कम करने के लिए अपनी समस्याओं को परिवार या दोस्तों के साथ शेयर करें।

जरूरी जांच

ब्लड प्रेशर (महीने में एक बार): ब्लड प्रेशर को नियमित रूप से चेक करें, क्योंकि उच्च रक्तचाप दिल की बीमारियों का प्रमुख कारण हो सकता है।

कोलेस्ट्रॉल (6 महीने में एक बार): कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी दिल की सेहत को प्रभावित करता है, इसलिए इसे हर 6 महीने में जांचना जरूरी है।

ब्लड शुगर (3 महीने में एक बार): रक्त शर्करा का स्तर अगर बढ़ता है तो यह डायबिटीज और दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है। इसे हर 3 महीने में चेक करें।

आंखों की जांच (महीने में एक बार): दिल की सेहत और आंखों का स्वास्थ्य आपस में जुड़े होते हैं। हर महीने आंखों की जांच करवाना महत्वपूर्ण है।

पूरा शरीर चेकअप (साल में एक बार): साल में एक बार पूरे शरीर का चेकअप करवाकर आप किसी भी बीमारी का समय रहते पता लगा सकते हैं।

इन सभी स्वास्थ्य जांचों के साथ साथ, ध्यान रखें

ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, शुगर लेवल और शरीर का वजन कंट्रोल में रखें।

स्वस्थ हृदय आहार योजना अपनाएं, जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपूर आहार शामिल हो।

दिल की सेहत के लिए अपनाएं ये सरल टिप्स

पानी की पर्याप्त मात्रा लें: शरीर में हाइड्रेशन बनाए रखने के लिए दिनभर पानी पीना बेहद जरूरी है। यह आपके दिल के कार्य को भी सामान्य बनाए रखता है।

नमक और चीनी का सेवन घटाएं: अधिक नमक और चीनी रक्तचाप को बढ़ा सकते हैं, जिससे दिल की समस्याओं का खतरा बढ़ता है। इन्हें कम करने से आपके दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है।

साबुत अनाज, नट्स और प्रोटीन का सेवन करें: डाइट में साबुत अनाज, नट्स और प्रोटीन को शामिल करें, जो दिल की सेहत को बनाए रखने और वजन नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

15 मिनट का हल्का व्यायाम करें: रोजाना 15 मिनट तक योग या हल्का व्यायाम, जैसे पैदल चलना, आपके दिल को फिट रखने के लिए बेहद फायदेमंद है।

लौकी का जूस पिएं: सुबह के समय लौकी का ताजे जूस का सेवन करें। यह रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने और दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

अर्जुन की छाल का काढ़ा पिएं: अर्जुन की छाल का काढ़ा दिल की सेहत को बेहतर बनाने के लिए एक बेहतरीन उपाय है, क्योंकि यह रक्त संचार को सुधारने में मदद करता है और दिल को मजबूत बनाता है।

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