सर्दी-जुकाम या कैंसर, लक्षणों को न करें नजरअंदाज, हो सकता है खतरा!

सर्दी-जुकाम या कैंसर, लक्षणों को न करें नजरअंदाज, हो सकता है खतरा!
Last Updated: 11 घंटा पहले

सर्दियों में सर्दी-जुकाम आम बात है, लेकिन अगर छींक, खांसी और हल्का बुखार लंबे समय तक बने रहें या बिगड़ने लगे, तो यह कोई सामान्य समस्या नहीं हो सकती। यह गंभीर बीमारी, यहां तक कि कैंसर के संकेत हो सकते हैं।

कई बार सर्दी-जुकाम को मौसम का असर मानकर हम उसे नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन लंबे समय तक लक्षण बने रहने पर इसे गंभीरता से लेना जरूरी है। सही समय पर इन लक्षणों को पहचानकर डॉक्टर से सलाह लेना आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है।अगर खांसी, बुखार या छींकें ठीक नहीं हो रही हैं, तो इसे हलके में न लें और तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें।

इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

क्रॉनिक खांसी: अगर खांसी तीन हफ्तों से अधिक समय तक बनी रहे, खासकर जब खांसी के साथ खून, घरघराहट या गला बैठने जैसे लक्षण भी दिखाई दें, तो इसे नजरअंदाज न करें। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, यह लक्षण फेफड़ों, गले या अन्नप्रणाली (एसोफेगस) के कैंसर का प्रारंभिक संकेत हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और जरूरी परीक्षण करवाएं। समय पर पहचान और इलाज से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचने का मौका मिल सकता है।

अनचाहा वजन कम होना: अगर बिना किसी प्रयास के आपका वजन कम हो रहा है, तो यह सामान्य नहीं हो सकता। ब्रिटिश जर्नल ऑफ जनरल प्रैक्टिस के अध्ययन के मुताबिक, पेट, अग्न्याशय, फेफड़े और अन्नप्रणाली के कैंसर में अचानक वजन घटना एक सामान्य लक्षण है। इसलिए यदि आपका वजन बिना किसी कारण के घट रहा है, तो इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस स्थिति को तुरंत डॉक्टर से चेक करवाना जरूरी है। समय रहते उपचार से कई गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।

बार-बार संक्रमण या बुखार: अगर आपको लगातार बुखार या संक्रमण हो रहे हैं, तो यह आपके इम्यून सिस्टम में कमजोरी का संकेत हो सकता है। ल्यूकेमिया या लिम्फोमा जैसे रक्त कैंसर शरीर के व्हाइट ब्लड सेल्स को प्रभावित करते हैं, जिसके कारण संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। इन लक्षणों को हल्के में न लें। समय पर पहचान और सही इलाज से इन गंभीर बीमारियों को रोका जा सकता है। अगर आप बार-बार संक्रमण का सामना कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

लगातार थकान: जब कभी-कभी थकान महसूस होती है, तो यह सामान्य बात है, लेकिन कैंसर से जुड़ी थकान गहरी और निरंतर बनी रहती है। यह लक्षण ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और कोलोरेक्टल कैंसर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकते हैं। अगर यह थकान आपके रोजमर्रा के कामकाजी जीवन को प्रभावित कर रही है, तो इसे हल्के में न लें। ऐसे लक्षणों के बारे में तत्काल डॉक्टर से सलाह लें। सही समय पर इलाज से समस्या का समाधान संभव हो सकता है।

गले में दर्द: अगर लंबे समय तक गले में खराश या निगलने में कठिनाई महसूस हो रही है, तो यह गले, अन्नप्रणाली या थायरॉयड कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है।

इन लक्षणों को अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि समय रहते इलाज न मिलने पर स्थिति बिगड़ सकती है। यदि यह समस्या लगातार बनी रहे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उचित जांच करवाएं।

कब लें डॉक्टर की सलाह

अगर गले में खराश या निगलने में कठिनाई जैसे लक्षण तीन हफ्तों से ज्यादा समय तक बने रहें या बिगड़ने लगें, तो इसे नजरअंदाज न करें। ऐसे लक्षण गले, अन्नप्रणाली या थायरॉयड कैंसर का संकेत हो सकते हैं। समय रहते उपचार प्राप्त करना बहुत जरूरी है, क्योंकि सामान्य जांच जैसे इमेजिंग स्कैन, बायोप्सी या ब्लडवर्क से कैंसर की पहचान की जा सकती है। लक्षणों के शुरुआती दौर में सही जांच और इलाज से गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।

कैंसर से बचाव के उपाय

धूम्रपान छोड़ें: तंबाकू का सेवन मुंह, गले और फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख कारण है। तंबाकू छोड़ने से कैंसर के जोखिम में काफी कमी आ सकती है।

हेल्दी वजन बनाए रखें: मोटापा कई प्रकार के कैंसर, जैसे कोलोरेक्टल, गर्भाशय और ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ा है। स्वस्थ वजन बनाए रखने से कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।

अल्कोहल सेवन सीमित करें: अत्यधिक शराब पीने से लीवर और गले के कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। शराब का सेवन सीमित करके इस खतरे को कम किया जा सकता है।

नियमित व्यायाम करें: शारीरिक सक्रियता कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करती है। रोजाना कुछ मिनट व्यायाम से यह खतरा घट सकता है।

रूटीन टेस्ट करवाएं: समय-समय पर स्क्रीनिंग और जांचें कैंसर को शुरुआती चरण में पहचानने में मदद करती हैं, जिससे उपचार जल्दी शुरू किया जा सकता है।

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