Himachal News: हाटकोटी माता मंदिर में एक साल का चढ़ावा आठ करोड़ रूपये, हिमाचल सरकार को मंदिर से मिलती है मोटी रकम

Himachal News: हाटकोटी माता मंदिर में एक साल का चढ़ावा आठ करोड़ रूपये, हिमाचल सरकार को मंदिर से मिलती है मोटी रकम
Last Updated: 12 मार्च 2024

Himachal News: हाटकोटी माता मंदिर में एक साल का चढ़ावा आठ करोड़ रूपये, हिमाचल सरकार को मंदिर से मिलती है मोटी रकम 

हिमाचल प्रदेश में सरकार को अधिग्रहित मंदिरों से हर साल करोड़ों रुपये चढ़ावे के रूप में मिलते है. रामपुर बुशहर में भीमाकाली मंदिर समूह में सबसे ज्यादा धन एकत्रित होता है. इस समूह के अंदर आने वाले सभी मंदिरों में करीबन आठ, साढ़े आठ करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ाया गया था जिसमे से अकेले हाटकोटी माता मंदिर में ही सात करोड़ 45 लाख रूपये से अधिक का चढ़ावा चढ़ाया गया हैं।

शिमला: हिमाचल सरकार को अधिग्रहित सभी मंदिरों से चढ़ावे के तौर पर करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है. शिमला के जुब्बल उपमंडल क्षेत्र में स्थित हाटकोटी और रामपुर बुशहर में भीमाकाली मंदिर समूह में सबसे ज्यादा राजकोष प्राप्त होता है. भाषा कला एवं संस्कृति विभाग ने Subkuz.com को बताया कि १ जनवरी 2023 से ३१ दिसंबर २०२३ तक भीमाकाली मंदिर समूह और अन्य मंदिर समूह 8 करोड़ 46 लाख रूपये से ज्यादा आय हुई है. इनमे से अकेले हाटकोटी माता मंदिर में 7,44,48,510 करोड़ रुपये का चढ़ावा प्राप्त हुआ हैं।

विभिन्न समूह में शामिल मंदिर

अधिकारी ने बताया कि भीमाकाली मंदिर समूह में श्री भीमाकाली जी मंदिर, श्री रघुनाथजी जी मंदिर, श्री नरसिंह जी मंदिर, श्री लंकड़ा देव जी मंदिर, श्री दुर्गा माता मंदिर करांगला शामिल है और रामपुर बुशह समूह में श्री अयोध्यानाथ जी मंदिर, बौद्ध मंदिर धुमगिर में, जानकी माता जी गुफा मंदिर, रघुनाथ जी का बड़ा अखाड़ा एवं लम्बू अखाड़ा, नरसिंह जी का मंदिर शामिल हैं।

जानकारी के अनुसार दत्तात्रेय स्वामी मंदिर और दुर्गा मंदिर श्राईकोटी से कुल मिलाकर 8,31,01,524 रुपए की कमाई हुई है. शिमला के तारादेवी जी मंदिर, जाखू जी मंदिर और संकट मोचन हनुमान जी मंदिर में श्रद्धालुओं का अटूट विश्वाश (आस्था) है. यहां पर हर साल करोड़ों रुपये का चढ़ावा अर्पित किया जाता  है. १ जनवरी 2023 से ३१ दिसंबर 2023 तक तारादेवी मंदिर में 3, 77,01,412 रुपये और जाखू जी मंदिर में 3,83,95,159 रुपये की आय हुई है. संकट मोचन हनुमान मंदिर में भी 59,85,210 रुपये का राजस्व चढ़ावे के रूप में प्राप्त हुआ हैं।

 

 

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