Jharkhand: रिम्स अस्पताल में शुरू होने वाली है बड़ी सुविधा, सेंट्रल लैब की होगी स्थापना

Jharkhand: रिम्स अस्पताल में शुरू होने वाली है बड़ी सुविधा, सेंट्रल लैब की होगी स्थापना
Last Updated: 17 जून 2024

Ranchi के रिम्स में मरीजों के उपचार के लिए पैथोलॉजिकल जांच की व्यवस्था कराने के लिए एक सेंट्रल लैब बनाया जा रहा है। जहां एक ही स्थान यानि काउंटर पर सैंपल कलेक्शन से लेकर रिपोर्ट जमा कराने की व्यवस्था सुनिश्चित होगी।

Ranchi News: झारखंड के रांची स्थित RIMS में मरीजों के इलाज के लिए कई तरह की सुविधाएं दी जा रहीं हैं। जिसके अंतर्गत पैथोलॉजिकल जांच की व्यवस्था सुव्यवस्थित करने के लिए एक सेंट्रल लैब की स्थापना का एलान किया गया है। जहां एक ही स्थान पर सैंपल कलेक्शन से लेकर रिपोर्ट देने की सुविधा उपलब्ध होगी।

एक ही काउंटर पर होगी सुविधा

subkuz.com को मिली जानकारी के अनुसार रिम्स में मरीजों की सुविधाओं के लिए कई प्रयास किये गए हैं। जहां एक ही काउंटर से मरीज ब्लड से लेकर यूरिन तक के सैंपल दे सकेंगे और मरीजों को उसी काउंटर से जांच रिपोर्ट भी उसी दिन मिल जाएगी। फ़िलहाल मरीजों को रिम्स के चार तल्ले तक का चक्कर लगाकर सैंपल जमा करना पड़ रहा है, जिससे इनको काफी परेशानी उठानी पड़ती है।

सेंट्रल लैब में प्रोफेसर को किया नियुक्त 

यहां अभी हर काउंटर पर अलग-अलग जांच की सुविधा है और उसके बाद सैंपल देने के लिए अलग-अलग वार्ड के चक्कर लगते रहते हैं। बता दें कि स्वास्थ्य प्रबंधन ने फिलहाल इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए मैप तैयार कर लिया है।

बताया जा रहा है कि एक स्थान पर लैब का निर्माण, आवश्यक उपकरणों की आवश्यकता का आकलन एवं संचालन के लिए एडिशनल प्रोफेसर बायोकेमेस्ट्री विभाग की सचिव डॉ. अनुपमा प्रसाद और लैब मेडिसिन डिपार्टमेंट के HR डॉ. अमित को नोडल पदाधिकारी चुना गया है।

OPD काउंटर के पास सेंट्रल लैब

बताया जा रहा है कि सेंट्रल लैब की स्थापना OPD काउंटर के पास की जाएगी। अभी जो लैब है, उसका पीछे DMS कार्यालय तक निर्माण किया जाएगा। रिम्स PRO डॉ. राजीव रंजन बताते हैं कि इसके साथ ही ग्राउंड फ्लोर में ही पैथोलाजिकल से लेकर रेडियोलाजिकल जांच तक की सुविधा की जाएगी।

यहां पहले से ही अल्ट्रासाउंड, सिटी स्कैन, एक्सरे की सुविधा की गई है। देखा जाए तो रिम्स में अभी MRI जांच की सुविधा मरीजों को नहीं मिल पा रही है, जिसके तहत इनको PPP मोड पर संचालित एजेंसी से बाहर स्थित लैब पर बढ़ी कीमत पर जांच करानी पड़ती है, जहां किसी मरीजों को एजेंसी कोई निश्शुल्क सुविधा नहीं मिल रही है।

बायोमेट्रिक अटेंडेंस की सुविधा

बता दें कि रिम्स के छात्रों को भी अब बायोमीट्रिक अटेंडेंस बनाना अनिवार्य होगा। इसी के साथ रिम्स में छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सभी लेक्चर थिएटर में 10 से अधिक बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जाएगी। MBBS, BDS और नर्सिंग के छात्रों को इस बायोमेट्रिक मशीन के माध्यम से अपनी अटेंडेंस दर्ज करनी होगी।

 

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