भारत में आजादी के बाद अब तक 17 बार लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव सर्वसम्मति से संपन्न हुआ है। लेकिन इस बार राजनीति अलग ही मोड़ लेती दिख रही हैं। विपक्ष पार्टी ने लोकसभा में उपाध्यक्ष के पद की मांग सरकार के सामने रखी है। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत 24 जून से होगी। प्रधानमंत्री मोदी 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव का प्रस्ताव लोकसभा में पेश करेंगे।
नई दिल्ली: लोकसभा में उपाध्यक्ष के पद की मांग को लेकर विपक्ष पार्टी अड़ गई है और साथ ही चेतावनी भी दी है कि अगर सरकार किसी विपक्षी नेता को उपाध्यक्ष बनाने पर असहमती जताती है तो वे लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए भी चुनाव लड़ेंगे। अगर विपक्ष पार्टी अगले हफ्ते लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा करता है तो यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार होगा जब लोकसभा अध्यक्ष को चुनाव के माध्यम से चुना जाएगा।
अब तक सर्वसम्मति से हुआ लोकसभा अध्यक्ष का चयन
जानकारी के मुताबिक आजादी के बाद से अब तक भारत में लोकसभा अध्यक्ष हमेशा सर्वसम्मति से चुना गया। वहीं 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत 24 जून से होगी। राजनीतिक परंपरा के अनुसार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 26 जून को लोकसभा में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए प्रस्ताव पेश करेंगे। सूत्रों के मुताबिक वरिष्ठ कांग्रेस नेता के सुरेश लोकसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि उन्हें प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जा सकता हैं, जिनके समक्ष सभी सदस्य लोकसभा की शपथ लेंगे।
आजादी से पहले लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव
1. विट्ठलभाई ने दो वोट से जीता चुनाव: Subkuz.com ने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष के लिए आजादी से पहले छह बार चुनाव हुआ है. केंद्रीय विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए पहली बार चुनाव 24 अगस्त 1925 को हुआ। इसमें स्वराजवादी पार्टी के उम्मीदवार विट्ठलभाई जे पटेल ने टी रंगाचारियार को दो वोटों से पराजीत किया। पटेल को कुल 58 वोट हासिल हुए थे।
2. नंद लाल पर जीत हासिल कर अध्यक्ष बने याकूब: बताया कि नौ जुलाई 1930 को सर मोहम्मद याकूब (78 वोट) ने नंद लाल (22 वोट) को परास्त कर अध्यक्ष पद हासिल किया। वह तीसरी विस के आखिरी सत्र तक लोकसभा अध्यक्ष पद पर काबिज रहे थे।
3. चौथी विस में अध्यक्ष बने रहिमतुल्ला: चौथी विस में इब्राहिम रहिमतुल्ला (76 वोट) ने हरि सिंह गौर (36 वोट) को 40 मतों से हराकर अध्यक्ष पद जीता था और लोकसभा के अध्यक्ष बने।
4. पांचवीं विस के अध्यक्ष बने अब्दुर रहीम: जानकारी के मुताबिक 24 जनवरी 1935 को सर अब्दुर रहीम ने टीएके शेरवानी को करारी मात दी और अध्यक्ष चुने गए।
5. मावलंकर-कोवासजी के बीच हुए आखिरी बार चुनाव: केंद्रीय विधान सभा के अध्यक्ष पद के लिए आखिरी बार चुनाव 24 जनवरी 1946 को हुआ था. जिसमें कांग्रेस के नेता जीवी मावलंकर ने कोवासजी जहांगीर के तीन वोटों से मात दी और आखरी बार चुनाव के माध्यम से अध्यक्ष चुने गए थे।