क्या आप जानते हैं? ताजमहल - प्रेम का प्रतीक और अद्भुत वास्तुकला का नमूना है

क्या आप जानते हैं? ताजमहल - प्रेम का प्रतीक और अद्भुत वास्तुकला का नमूना है
Last Updated: 3 घंटा पहले

ताजमहल, जिसे दुनिया के सात आश्चर्यों में गिना जाता है, एक ऐसा स्मारक है जो प्रेम, कला और संस्कृति का बेजोड़ संगम है। यह भारतीय उपमहाद्वीप की मुगल वास्तुकला की एक उत्कृष्ट मिसाल है, जिसे मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी प्रिय पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनवाया था। इसका निर्माण 17वीं शताब्दी में हुआ था, और यह आज भी भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र है। आइए, ताजमहल के बारे में विस्तार से जानें।

निर्माण की पृष्ठभूमि

मुमताज़ महल, शाहजहां की तीसरी पत्नी थीं, जिन्हें वह बेहद प्रेम करते थे। 1631 में मुमताज़ महल का निधन हुआ, जब वह अपने 14वें बच्चे को जन्म देते समय प्रसव पीड़ा से गुजर रही थीं। उनकी मृत्यु ने शाहजहां को बहुत दुखी कर दिया, और उन्होंने अपनी पत्नी की याद में एक अनोखी और भव्य समाधि बनाने का संकल्प लिया, जिसे दुनिया भर में प्रेम के प्रतीक के रूप में पहचाना जाए। इस समाधि का नाम रखा गया ताजमहल, जिसका अर्थ है "महलों का ताज"।

निर्माण का समय और अवधि

ताजमहल का निर्माण 1632 में शुरू हुआ और इसे पूरा होने में लगभग 22 साल का समय लगा। इसका निर्माण कार्य 1653 में पूरा हुआ। इस विशाल परियोजना में करीब 20,000 मजदूरों और शिल्पकारों ने भाग लिया। ताजमहल के निर्माण के लिए वास्तुकारों और कारीगरों को विभिन्न देशों, जैसे कि तुर्की, फारस (ईरान), और मध्य एशिया से बुलाया गया था।

सफेद संगमरमर का उपयोग

ताजमहल की खूबसूरती का सबसे बड़ा आकर्षण इसकी संरचना में उपयोग किया गया सफेद संगमरमर है। यह संगमरमर राजस्थान के मकराना से लाया गया था, जो विश्व प्रसिद्ध संगमरमर की खान है। इस सफेद संगमरमर पर की गई बारीक नक्काशी और जड़ाऊ कला इसे अद्वितीय बनाती है। इसके अलावा, विभिन्न रंगों के रत्नों और पत्थरों का उपयोग करके फूलों, लताओं और ज्यामितीय आकृतियों का उत्कृष्ट काम किया गया है।

वास्तुकला का अद्भुत मिश्रण

ताजमहल की वास्तुकला में इस्लामी, फारसी, तुर्की, और भारतीय शैलियों का अद्भुत संगम है। इसका केंद्रीय गुंबद, जो लगभग 73 मीटर ऊँचा है, पूरे स्मारक का केंद्र बिंदु है। ताजमहल के चारों कोनों पर स्थित मीनारें उसकी भव्यता और संतुलन को और भी आकर्षक बनाती हैं। मीनारों को इस प्रकार बनाया गया है कि भूकंप आने पर भी वे मुख्य इमारत पर गिरने की बजाय बाहर की ओर झुकें।

ताजमहल का उद्यान और चारबाग़

ताजमहल के सामने एक विशाल उद्यान है, जिसे चारबाग़ शैली में डिज़ाइन किया गया है। यह मुगल उद्यानों की पारंपरिक शैली है, जिसमें एक वर्गाकार संरचना होती है और इसे चार भागों में विभाजित किया जाता है। इसके केंद्र में पानी की एक लंबी धारा बहती है, जिसमें ताजमहल का प्रतिबिंब दिखता है। यह उद्यान प्रतीकात्मक रूप से स्वर्गीय बाग़ का प्रतिनिधित्व करता है।

प्रेम का प्रतीक

ताजमहल को दुनिया भर में प्रेम का प्रतीक माना जाता है। यह एक ऐसा स्मारक है जो शाहजहां के अपनी पत्नी मुमताज़ महल के प्रति अटूट प्रेम और उनकी स्मृतियों को समर्पित है। ताजमहल की अद्वितीय सुंदरता और इसकी वास्तुकला इसे प्रेम का अमर प्रतीक बनाती है, जो सदियों से लोगों को प्रेरित करती आई है।

ताजमहल की इंटीरियर और मुमताज़ महल की कब्र

ताजमहल के अंदर, मुमताज़ महल और शाहजहां की कब्रें स्थित हैं। हालांकि, दोनों की असली कब्रें ताजमहल के निचले हिस्से में हैं। मुख्य इमारत के अंदरूनी भाग में की गई कलाकारी बेहद अद्वितीय है, जिसमें संगमरमर पर फूलों और बेलों की आकृतियों में कीमती रत्नों की जड़ाई की गई है। इसकी आंतरिक सज्जा इसे और भी अधिक अलंकृत और भव्य बनाती है।

 

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