चुनाव से पहले जोधपुर के दो दिग्गज आमने-सामने:अशोक गेहलोत ने संजीवनी घोटाले को लेकर गजेंद्र सिंह के परिवार पर बोला हमला

चुनाव से पहले जोधपुर के दो दिग्गज आमने-सामने:अशोक गेहलोत ने संजीवनी घोटाले को लेकर गजेंद्र सिंह के परिवार पर बोला हमला
Last Updated: 07 अप्रैल 2023

राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान में सियासती राजनीति अभी से गरमा गई है। बहुचर्चित संजीवनी घोटाला का मामला फिर गरमाने लगा है। इस विवाद पर अब जोधपुर के दो दिग्गज आमने सामने हो गए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनके परिवार पर भी निशाना साधा है।

उन्होंने कहा है कि संजीवनी कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी के घोटाले में गजेंद्र सहित उनका पूरा परिवार शामिल है। घोटालों से कमाए हुए करोड़ों रुपए इथियोपिया और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों में लगाया गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह दावा किया है कि राजपूत समाज के अध्यक्ष भगवान सिंह रोलसाबसर ने भी इस घोटाले की शिकायत करते हुए गरीब जनता का पैसा वापस दिलाने की बात कही थी

लेकिन गजेन्द्र सिंह शेखावत ने किसी की नहीं सुनी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा, कि जिस व्यक्ति के ऊपर इतने गंभीर आरोप हो, उसे मंत्री कैसे बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री को इसकी जांच करवानी चाहिए। गहलोत ने कहा कि इस घोटाले में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिहं की पत्नी, माताजी, पिताजी और उसके ससुसरल वाले सहित 50 लोग आरोपी हैं।

शेखावत को खुद आगे आकर कहना चाहिए कि मुझे गिरफ्तार करो

 

गहलोत ने मांग की है कि गजेन्द्र सिंह द्वारा किए गए करोड़ों रुपए के घोटाले की जांच ईडी को भी करनी चाहिए। इसके लिए खुद शेखावत को आगे आना चाहिए। एसओजी की जांच में उन पर जुर्म प्रमाणित हुआ है। ऐसे में शेखावत को चाहिए की वे एसओजी के पास जाएं और कहें कि मुझे गिरफ्तार कर लीजिए। इससे पहले उन्होंने राजस्थान में सरकार गिराने की कोशिश की थी।

शेखावत सरकार गिराने की साजिश के मुख्य किरदार रहे हैं। वे वॉयस सेम्पल नहीं दे रहे और बार बार कोर्ट से रिलीफ ले रहे हैं। गहलोत ने कहा कि जोधपुर का सांसद हमारी सरकार गिरा रहा था। मारवाड़ का मुख्यमंत्री और उसकी सरकार गिराकर मारवाड़ को बेइज्जत कर रहे थे।

गहलोत ने आरोप लगाया कि केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत संजीवनी कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी के घोटाले मामले में लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। एसओजी की जांच में दूसरे गिरफ्तार किए गए आरोपियों के समान धाराओं में ही गजेन्द्र सिंह के ऊपर जुर्म प्रमाणित हुआ है। गहलोत ने कहा कि संजीवनी कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में एक लाख लोगों के करीब 900 करोड़ से ज्यादा रुपए लूट लिए गए।

दोष सिद्ध होने के बाद भी एसओजी के पास प्रोपर्टी सीज करने का अधिकार नहीं है। इसलिए प्रोपर्टी भी सीज नहीं हो पाई है। प्रोपर्टी सीज करने का अधिकार ईडी के पास है। एसओजी द्वारा ईडी को पांच बार पत्र लिखकर आग्रह किया जा चुका है लेकिन फिर भी ईडी हाथ पर हाथ धरे बैठी है और न ही कोई एक्शन नहीं ले रही है।

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