फ़िनलैंड में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों में से आधे से ज्यादा ग्रेजुएशन के बाद फिनलैंड छोड़ जाना चाहते हैं। : रिपोर्ट

फ़िनलैंड में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों में से आधे से ज्यादा ग्रेजुएशन के बाद फिनलैंड छोड़ जाना चाहते हैं। : रिपोर्ट
Last Updated: 23 मार्च 2023

एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक ये बात सामने आई है की, फ़िनलैंड में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों में से आधे से ज्यादा छात्र अपनी ग्रेजुएशन कम्प्लीट होने के बाद फ़िनलैंड में नहीं रहना चाहते। रिपोर्ट में देश छोड़ने की योजना के कारणों के रूप में फ़िनलैंड में पड़गई के बाद रोजगार खोजने में चुनौतियां, खराब कैरियर की संभावनाएं और फिनिश दोस्त बनाने में कठिनाइयों का हवाला दिया गया।

subkuz.com ने कुछ विदेशी छात्रों से बात कर के यह समझने की कोशिश की, तो पता चला अधिकतर छात्र पढाई पूरी होने के बाद नौकरी मिलने की कठिनाइयों से चिंतित हैं, छात्रों में यह आम धारणा है की फ़िनलैंड में नौकरी पाने के लिए फिन्निश भाषा आना प्रथम शर्त है और साथ ही साथ नौकरी में विदेशियों को उतनी अहमियत नहीं दी जाती है। कुछ छात्रों ने कुछ ऐसे उदाहरण दिए की वो ऐसे कई छात्रों को जानते हैं जो पढाई पूरी करने के बाद भी अपने फिल्ड में नौकरी नहीं पा सके।

 अनुसंधान संस्थान E2 तुतकीमुस के सर्वेक्षण के हालिया निष्कर्षों के अनुसार हम ऐसा कह सकते हैं की, अप्रवासी श्रमिकों और अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के देश में बसने के संबंध में फिनलैंड को बहुत कुछ सिखने या बहुत कुछ करने की जरुरत है, इस रिपोर्ट को एक सबक के रूम में भी लिया जाना चाहिए, क्यों की इतने संख्या में छात्रों का निराश होना या देश छोड़ने की प्लानिंग करना काफी निराशाजनक है।

छात्र और विदेशी कामगार दोनों निराश।

 

सर्वेक्षण में शामिल किए गए विदेशी छात्रों में से लगभग आधे ने कहा कि उन्होंने स्नातक होने के तुरंत बाद निकट भविष्य में फिनलैंड छोड़ने की योजना बनाई है। वहीं, सर्वेक्षण में शामिल हर पांच में से दो विदेशी कामगारों ने कहा कि उनकी फ़िनलैंड को छोड़ जाने की योजना है।

 

इसका मतलब ये हुआ की जो विदेशी कामगार फ़िनलैंड में काम कर रहें है उनमे से भी करीब आधे फ़िनलैंड छोड़ना चाहते हैं। शोध में पाया गया कि राष्ट्रीयता ( चाहे वो किसी भी देश के हों ), किसी भी पेशे से हों या कोई भी पढाई कर रहें हो, ये सभी अप्रवासी "फिनलैंड में आश्चर्यजनक रूप से समान कठिनाइयों" का सामना कर रहे हैं। निश्चित ही यह फ़िनलैंड के लिए अच्छी खबर नहीं है।

 फिनिश भाषा सबसे बड़ी बाधा

सर्वे में शामिल करीब सभी उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्हें फिनिश भाषा सीखने, नौकरी खोजने के प्रशिक्षण और फिनिश व्यवसायों के साथ नेटवर्किंग के अवसर खोजने में और अधिक समर्थन की आवश्यकता है। रिपोर्ट में इस बात की और इशारा मिलता है कि कई विदेशी छात्रों को इंटर्नशिप पूरा करके फिनिश समाज में एकीकृत करने या स्थानीय कंपनियों के साथ काम करने का मौका नहीं मिलता है। समस्या यह है कि बहुत कम अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को ऐसे अवसर मिलते हैं। अंतर्राष्ट्रीय छात्रों  को फिनिश समाज से जुड़ने के तरीके विकसित करने चाहिए।

 

 

वर्क बेस्ड इमीग्रेशन बढ़ाने की है जरुरत।

इस अध्ययन के परिणाम ऐसे समय में आए हैं जब फिनलैंड को विदेशों से श्रमिकों की भर्ती करने की तीव्र आवश्यकता का सामना करना पड़ रहा है। फिनिश इकोनॉमिक रिसर्च इंस्टीट्यूट एटला ने हाल ही में रिपोर्ट प्रकाशित की थी कि फिनलैंड को लगातार युवा कामगारों की कमी की खाई को पाटने के लिए अगले दशक में 44,000 लोगों के वार्षिक शुद्ध प्रवासन की आवश्यकता है। ऐसे में इतने छात्रों का देश छोड़ कर जाने की योजना बनाना काफी महत्वपूर्ण मुद्दा है।  फ़िनलैंड को चाहिए की जो छात्र पहले से ही यहाँ हैं उन्हें बेहतर ट्रेनिंग दी जाये और फिनिश समाज के साथ और कंपनियों के साथ नेटवर्किंग के नए तरीके खोजे जाएँ जिससे ये छात्र अपने आप को अलग थलग न महसूस करें।

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