Arun Govil Birthday:  रामायण के 'राम' से सांसद तक का सफर, जानिए फिल्मी करियर और राजनीति सम्मान के बारे में

Arun Govil Birthday:  रामायण के 'राम' से सांसद तक का सफर, जानिए फिल्मी करियर और राजनीति सम्मान के बारे में
Last Updated: 9 घंटा पहले

अरुण गोविल का जन्म 12 जनवरी 1958 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ था। वे हर साल अपना जन्मदिन इसी दिन मनाते हैं। अरुण गोविल, जिन्हें रामानंद सागर की ऐतिहासिक धारावाहिक रामायण में भगवान राम की भूमिका के लिए जाना जाता है, भारतीय टेलीविजन के सबसे सम्मानित और प्रिय चेहरों में से एक हैं। उनकी सौम्य मुस्कान, आदर्शवादी अभिनय, और भगवान राम जैसे चरित्र में उनकी सहजता ने उन्हें हर भारतीय घर का सदस्य बना दिया।

शुरुआती जीवन

अरुण गोविल का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ। उनका शुरुआती जीवन एक साधारण परिवार में बीता। उनके पिता चाहते थे कि वे एक सरकारी नौकरी करें, लेकिन अरुण का झुकाव अभिनय की ओर था। उन्होंने नाटकों में अभिनय से शुरुआत की और कुछ ऐसा करना चाहा जो यादगार बन जाए। 1975 में, मात्र 17 वर्ष की उम्र में, उन्होंने मुंबई का रुख किया और अभिनय की दुनिया में कदम रखा।

फिल्मों से लेकर रामायण तक का सफर

अरुण गोविल ने अपने करियर की शुरुआत राजश्री प्रोडक्शन्स की पारिवारिक फिल्मों से की। उनकी पहली फिल्म पहेली थी, जिसके बाद सावन को आने दो, जुदाई, और इतनी सी बात जैसी फिल्मों में उन्होंने अपनी अभिनय क्षमता का प्रदर्शन किया।

लेकिन असली पहचान उन्हें रामानंद सागर के धारावाहिक रामायण से मिली। भगवान राम के किरदार में उनकी सरलता और शालीनता ने दर्शकों को मोहित कर दिया। यह भूमिका न केवल उनकी पहचान बनी, बल्कि उन्होंने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को जीवंत रूप से प्रस्तुत किया।

रामायण के बाद बदला जीवन

रामायण के प्रसारण के दौरान अरुण गोविल को जनता से असीम प्यार और सम्मान मिला। लोग उन्हें भगवान राम के रूप में पूजने लगे। सार्वजनिक स्थानों पर उनका स्वागत देवताओं की तरह होता था। इस भूमिका ने उन्हें भारतीय टेलीविजन के इतिहास में अमर बना दिया।

राजनीति की ओर कदम

अभिनय के क्षेत्र में अपार सफलता के बाद, अरुण गोविल ने राजनीति की ओर रुख किया। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य के रूप में मेरठ से सांसद का पद संभाला। उनकी ईमानदारी और जनसेवा की भावना ने उन्हें एक सफल राजनेता के रूप में स्थापित किया।

व्यक्तिगत जीवन

अरुण गोविल का व्यक्तिगत जीवन सादगी और आदर्शों से भरा है। वे अपनी पत्नी और बच्चों के साथ समय बिताना पसंद करते हैं। अभिनय और राजनीति में व्यस्त रहने के बावजूद, वे अपने परिवार के लिए समय निकालते हैं।

पुरस्कार और सम्मान

हालांकि उनके करियर में कई उपलब्धियां हैं, लेकिन सबसे बड़ा सम्मान उन्हें जनता का प्यार और विश्वास है। उनकी भूमिका ने उन्हें भारतीय टेलीविजन के इतिहास में एक विशेष स्थान दिलाया।

प्रमुख फिल्में और धारावाहिक

सावन को आने दो (1979)
जुदाई (1980)
इतनी सी बात (1981)
रामायण (1987)

एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व

अरुण गोविल की कहानी हमें सिखाती है कि सच्चे प्रयास और समर्पण से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। उन्होंने अपनी मेहनत और काबिलियत से अभिनय और राजनीति दोनों क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई।

समाज में योगदान

चाहे अभिनय हो या राजनीति, अरुण गोविल ने हमेशा समाज के लिए सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की। उनका जीवन और करियर युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

अरुण गोविल न केवल एक अभिनेता हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और आदर्शों के प्रतीक भी हैं। उनका जीवन संघर्ष, सफलता, और समाजसेवा की कहानी है, जो उन्हें भारत का एक सच्चा नायक बनाता हैं।

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