मध्य प्रदेश: निगम फर्जी घोटाले में 5 करोड़ का मामला, डमी फर्म्स से एक्जीक्यूटिव इंजीनियर के खिलाफ FIR दर्ज

मध्य प्रदेश: निगम फर्जी घोटाले में 5 करोड़ का मामला, डमी फर्म्स से एक्जीक्यूटिव इंजीनियर के खिलाफ FIR दर्ज
Last Updated: 04 मई 2024

मध्य प्रदेश के इंदौर नगर निगम में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर अभय राठौर ने दो फर्जी फर्मों के जरिए 5 करोड़ रुपये का घोटाला किया। ड्रेनेज घोटाले की जांच मामले में पुलिस ने दो FIR दर्ज की है।

इंदौर न्यूज़: ड्रेनेज घोटाले की जांच में दो फर्मे भी शामिल हो गई है। क्रिस्टल और ईश्वर इंटरप्राइजेज के नाम से पंजीकृत इन फर्मों से एक्जीक्यूटिव इंजीनियर अभय राठौर ने 5 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया है। शुक्रवार (3 मई) को MG रोड़ स्थित पुलिस ने निगम अफसरों की शिकायत पर दोनों फर्मों के संचालकों पर दो नई FIR दर्ज कर कार्रवाई की है।

इससे पहले भी दर्ज किए मामले

subkuz.com को मिली जानकारी के अनुसार, TI विजयसिंह सिसोदिया के मुताबिक पुलिस ने इससे पहले भी दर्ज चार मामलों में आरोपी ठेकेदार मोहम्मद जाकिर, राहुल बढ़ेरा, रेणु बढ़ेरा, मोहम्मद साजिद, सब इंजीनियर उदय भदौरिया, लिपिक राजकुमार सालवी और ऑपरेटर चेतन भदौरिया को गिरफ्तार कर चुकी है। पूछताछ के दौरान ही इन दोनों नई फर्मों की सूचना मिली थी।

दोनों फर्मों के खिलाफ FIR दर्ज कराई

अफसरों ने मामले की जांच या संज्ञान लेते हुए क्रिस्टल इंटरप्राइजेज के संचालक इमरान खान निवासी जूनी कसेरा बाखल और मौसम व्यास (ईश्वर इंटरप्राइजेज) निवासी पलसीकर काॅलोनी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई। जांच के दौरान बताया गया कि दोनों इन फर्मों में 5 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है।

टीआइ के मुताबिक आरोपियों ने बताया कि इस घोटाले के मास्टर माइंड अभय राठौर है जो डमी फर्म बनवा कर फर्जीवाड़ा कर रहा था। दूसर तरफ पुलिस ने 10 हजार रुपये के इनामीEE अभय राठौर के तीन बैंक खातों को भी फ्रीज करवाया है। हालांकि, बता दें कि  इन खातों में केवल 3.5 करोड़ रुपये ही जमा है।

करोड़ों की बेनामी संपत्ति पाने पर भी केस हटवाया

बताया जारहा है कि घोटाले का मास्टरमाइंड अभय राठौर नेता-अफसरों की मिलीभगत से ही फर्जीवाड़ा कर रहा था। उसके इस फर्जीवाड़े का पता ईओडब्ल्यू में दर्ज केस से लगाया जा सकता है। करोड़ों की बेनामी संपत्ति जैसे 40 बैंक खाते और करोड़ों के मकान उजागर होने के बाद भी राठौर ने अफसरों से बातचीत करके इस केस को हटवाया था। बता दें कि EOW में ड्यूटी पर रहे ASP अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है जो इस केस को खत्म करने के मामले में शामिल थे।

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