Cyber Fraud Panic: 'जरूरी मीटिंग में हूं, तुरंत रुपये भेजो, यूपी मंत्री के साथ 2.08 करोड़ की ठगी, पुलिस ने गठित की टीमें

Cyber Fraud Panic: 'जरूरी मीटिंग में हूं, तुरंत रुपये भेजो, यूपी मंत्री के साथ 2.08 करोड़ की ठगी, पुलिस ने गठित की टीमें
Last Updated: 6 घंटा पहले

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के अकाउंटेंट, रितेश श्रीवास्तव, के साथ 2.08 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में पुलिस की दो टीमें जांच में लगी हुई हैं। साइबर अपराधियों ने मंत्री के बेटे की तस्वीर को वाट्सएप डीपी पर लगाकर और एक आवश्यक मीटिंग का हवाला देकर रितेश को धोखा दिया। अब पुलिस बैंक खातों की जानकारी इकट्ठा कर रही है।

प्रदेश के मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता "नन्दी" के अकाउंटेंट से 2.08 करोड़ रुपये की ठगी: पुलिस जांच में जुटी प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता "नन्दी" के अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव से 2.08 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में साइबर थाने की दो टीमें जांच में जुट गई हैं। साथ ही क्राइम ब्रांच भी इस मामले की पड़ताल कर रही है। पुलिस उन बैंक खातों के बारे में जानकारी जुटा रही है जिनमें यह रकम ट्रांसफर की गई थी।

मंत्री के बेटे के नाम पर भेजा गया फर्जी संदेश

फिलहाल इस मामले में कोई भी पुलिस अधिकारी कुछ भी स्पष्ट रूप से कहने से बच रहा है। यह घटना दो दिन पहले हुई जब साइबर अपराधियों ने मंत्री नन्दी के बेटे की फोटो को वाट्सएप डीपी पर लगाया। इसके बाद उसी वाट्सएप अकाउंट से रितेश श्रीवास्तव के मोबाइल पर एक संदेश भेजा गया। संदेश में लिखा था कि "मैं जरूरी बिजनेस मीटिंग में हूं। यह मेरा नया नंबर है, तुरंत रुपये भेजो। यह मीटिंग अभी काफी देर तक चलेगी। मुझे कुछ रुपये की तत्काल जरूरत है।" इसके बाद साइबर ठगों ने तीन बैंक खातों के नंबर दिए और रितेश श्रीवास्तव से इन खातों में रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा। पुलिस ने इस मामले में साइबर ठगों का पता लगाने के लिए जांच तेज कर दी है।

अकाउंटेंट की गलती: 2.08 करोड़ का गलत ट्रांसफर

अकाउंटेंट ने एक मैसेज देखने के बाद अपने खातों में 2.08 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए, और यह सब केवल तीन बार में हुआ। इस घटना की जानकारी उसने किसी और से शेयर नहीं की, लेकिन जल्द ही उसे पता चला कि मंत्री के बेटे ने ऐसा कोई संदेश उसे नहीं भेजा था। यह बात पता चलते ही रितेश घबरा गया। जैसे ही मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को इस घटना की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत पुलिस अफसरों को सूचित किया। यह मामला एक बड़ी लापरवाही का प्रतीक है, जो अकाउंटेंट की ओर से हुई। 2.08 करोड़ रुपये का गलत ट्रांसफर किसी भी व्यक्ति के लिए चिंताजनक स्थिति हो सकती है। यह घटना यह भी दर्शाती है कि व्यक्तिगत संचार के लिए मैसेजिंग का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतना कितना ज़रूरी है।

पुलिस जांच में जुटी, बैंक खातों की जानकारी ली जा रही

अधिकारियों में हड़कंप, साइबर ठगी का मुकदमा दर्ज जब अधिकारियों को इस ठगी के बारे में पता चला तो हड़कंप मच गया। तुरंत साइबर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर थाने की दो टीमें और क्राइम ब्रांच की टीम को जांच में लगाया गया। पुलिस ने उन बैंकों के खातों की जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है जिनमें ठगी की गई रकम ट्रांसफर की गई थी। जांचकर्ता यह पता लगाने में जुटे हैं कि ये खाते किस-किस के नाम पर हैं। बैंक अधिकारियों से इस बारे में जानकारी मांगी गई है और संबंधित खातों को फ्रीज करने के लिए ईमेल भेजे गए हैं। सूत्रों के मुताबिक पुलिस को साइबर अपराधियों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी मिली है और बैंक खातों के बारे में भी कुछ अहम सुराग मिले हैं। हालांकि, इस मामले में कोई भी अधिकारी अभी तक सार्वजनिक रूप से बोलने को तैयार नहीं है।

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