महाराष्ट्र में सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड के मुख्य आरोपी वाल्मीक कराड ने पुणे में सीआईडी ऑफिस में आत्मसमर्पण किया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बीड में 'गुंडा राज' बर्दाश्त नहीं होगा। कराड पर कई गंभीर आरोप हैं।
Maharashtra Crime News: महाराष्ट्र के बीड जिले में 'गुंडा राज' के खिलाफ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बीड में इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह बयान तब आया जब वाल्मीक कराड, जो मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मुख्य आरोपी थे, मंगलवार (31 दिसंबर) को पुणे स्थित सीआईडी ऑफिस में आत्मसमर्पण करने पहुंचे।
संतोष देशमुख हत्याकांड का मुख्य आरोपी वाल्मीक कराड
संतोष देशमुख हत्याकांड में वाल्मीक कराड पर आरोप है कि उसने 9 दिसंबर को सरपंच संतोष देशमुख का अपहरण किया और फिर उनकी हत्या कर दी। हत्या के बाद से कराड फरार था, और उसे पकड़ने के लिए सत्ताधारी और विपक्षी दोनों दलों के विधायकों ने अभियान चलाया था।
वाल्मीक कराड ने वीडियो के जरिए रखा अपना पक्ष
वाल्मीक कराड ने पुणे में सरेंडर करने से पहले एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उसने कहा, "मैंने केज पुलिस स्टेशन में झूठी जबरन वसूली की शिकायत दर्ज की है। मैं पुणे के सीआईडी दफ्तर में आत्मसमर्पण कर रहा हूं, जबकि मेरे पास पूर्व-गिरफ्तारी की शक्तियां हैं।" कराड ने दावा किया कि उनका नाम राजनीतिक कारणों से हत्या से जोड़ा जा रहा है।
सीआईडी दफ्तर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात
वाल्मीक कराड ने अपनी कार से सीआईडी दफ्तर पहुंचकर सरेंडर किया। सीआईडी दफ्तर के बाहर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जुटे थे, और सुरक्षा कारणों से इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
संतोष देशमुख की हत्या के पीछे विवाद
सूत्रों के अनुसार, मस्साजोग गांव में पवनचक्की प्रकल्प को लेकर सरपंच संतोष देशमुख और सुदर्शन घुले के बीच विवाद हुआ था। इस विवाद के चलते सुदर्शन घुले ने बार-बार खंडणी की मांग की थी, जिससे दोनों के बीच संघर्ष हुआ। यही कारण था कि संतोष देशमुख की हत्या की गई।
हत्याकांड में अब तक चार गिरफ्तारियां
इस हत्याकांड में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें जयराम चाटे, महेश केदार, प्रतीक घुले और विष्णु चाटे शामिल हैं। मुख्य आरोपी सुदर्शन घुले, कृष्णा अंधाले और सुधीर सांगले अब भी फरार हैं।
वाल्मीक कराड के कनेक्शन
वाल्मीक कराड को धनंजय मुंडे का करीबी माना जाता है और वह जिले के सभी सरकारी और सामाजिक कार्यक्रमों की देखरेख करते हैं। कराड के खिलाफ पहले भी गंभीर अपराधों के मामले दर्ज हो चुके हैं। धनंजय मुंडे जब पालकमंत्री थे, तब कराड ने जिले में अपना प्रभाव कायम किया था।