संभल लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क का मंगलवार को इलाज के दौरान निधन हो गया है। 94 वर्ष की उम्र में उन्होंने सिद्ध अस्पताल में अंतिम सांस ली।
मुरादाबाद: यूपी के संभल से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का 94 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। वे लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने मुरादाबाद के सिद्ध अस्पताल में अंतिम सांस ली। बताया गया कि 1 महीने पहले डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क की अचानक तबियत बिगड़ने के बाद मुरादाबाद अस्पताल में एडमिट कराया गया था। दोस्तों ने इलाज के दौरान उन्हें किडनी में इन्फेक्शन की समस्या बताई थी। इससे पहले भी उनका गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। 94 वर्षीय शफीकुर्रहमान बर्क देश के सबसे अधिक उम्र के सांसद थे।
सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क
इनका जन्म 11 जुलाई 1930 (मृत्यु - 27 फरवरी, 2024) को हुआ था। डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क समाजदवादी पार्टी से संबंधित एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। सूत्रों के मुताबिक वह सपा के उम्मीदवार के रुप में मुरबाड और फ़िलहाल, 2019 में 5वीं बार संभल से लोकसभा सदस्य चुने गए। उम्र और अनुभव में देश के सबसे वरिष्ठ राजनेता रहे थे। वे बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक भी रह चुके। मुसलमानों की आवाज बुलंद करने और वन्देमातरम पर अपने बयानों को लेकर उनकी छवि उभर कर आई थी।
94 वर्षीय बर्क का सियासी सफर
subkuz.com को मिली जानकरी के अनुसार, उनका सियासी सफर 1974 से शुरू हुआ था और 60 साल से भी अधिक रहा। वर्तमान में संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद बर्क 5वीं बार लोकसभा इलेक्शन में अपनी विजय दर्ज करा चुके थे। 1974 में वे पहली बार विधानसभा चुनाव जीते थे। उन्हें वर्ष 1996, 1998 और 2004 में मुरादाबाद से सपा सांसद लोकसभा सीट पर तीन बार जीत हासिल की। इसके पश्चात 2019 में संभल लोकसभा सीट से 89 वर्ष की उम्र में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुने गए। इसके अलावा डॉ. बर्क चार बार संभल सीट से विधायक और पहली बार उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बने थे। 1999 तक वे विधायक के पद पर रहे। डॉ. बर्क ने वर्ष 2022 में अपने पोते जियाउर्रहमान बर्क को समाजवादी पार्टी से टिकट दिलाकर मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से विधायक का पद दिलाया था।
प्रधानमंत्री ने दी थी बर्क को बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन में डॉ. बर्क को बधाई दी थी। उन्होंने 2023 नई लोकसभा में अपने भाषण के दौरान बर्क की सदन के प्रति निष्ठां को लेकर तारीफ की थी। कहा कि 93 वर्ष की उम्र में भी शफीकुर्रहमान बर्क इस सदन में बैठे हैं। अपने कार्यों के प्रति ऐसे ही निष्ठा होनी चाहिए।