आज पेश होगा झारखंड विधानसभा में बजट:एक लाख 11 हजार करोड़ रुपये बजट की उम्मीद,विधानसभा चुनाव पर होगा जोर

आज पेश होगा झारखंड विधानसभा में बजट:एक लाख 11 हजार करोड़ रुपये बजट की उम्मीद,विधानसभा चुनाव पर होगा जोर
Last Updated: 11 अप्रैल 2023

झारखंड विधानसभा में आज राज्य का बजट पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव बजट पेश करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार के बजट में हर वर्ग पर जोर दिया जाएगा। लगभग एक लाख 11 हजार करोड़ रुपये के बजट की उम्मीद रखी गई है। राजनितिक एक्सपर्ट की मानें तो इस बार का बजट साल 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पेश किया जा सकता है।

इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर रहने की उम्मीद
ऐसे में इस बार के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर होगा। इसके लिए अधूरी योजनाओं को पूरा करने के लिए बजट अलॉट किए जाएंगे। वहीं 10 से ज्यादा घोषणाएं भी की जा सकती हैं। बीते साल की तुलना में इस साल का बजट 10 गुना अधिक होगा।

 

चौथी बार बजट पेश करेंगे रामेश्वर उरांव
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव चौथी बार विधानसभा में बजट पेश करेंगे। यह भी एक रिकॉर्ड होगा। इससे पहले सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकार्ड पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के पास था। पिछली सरकार में उन्होंने लगातार 5 बार बजट पेश किया था। बताया जा रहा है कि इस बार के बजट में स्वरोजगार ऐसा क्षेत्र होगा, जिसे ज्यादा पैसे दिए जा सकते हैं। स्वरोजगार के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत मिलने वाली राशि में भी बढ़ोत्तरी हो सकती है। स्वरोजगार को बढ़ाने पर सरकार और अधिक जोर देगी।

 

राज्य की विकास दर देश की विकास दर से ज्यादा होगी,
विधानसभा में इससे पहले आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश किया गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वित्तीय वर्ष (2023-24) में राज्य की विकास दर, देश की विकास दर से ज्यादा रहेगी। मुद्रास्फीति की वजह से अगस्त 2021 से दिसंबर 2022 तक की अवधि में ईंधन, प्रकाश, कपड़े और जूते आदि की कीमत में तेजी से वृद्धि हुई। राज्य गठन के बाद से 2021-22 तक की अवधि में बजट आकार करीब 13 गुना बढ़ा। राज्य में गरीबी का प्रतिशत गिर कर 36.6 तक पहुंची। प्रति व्यक्ति आय बढ़ कर 86060 रुपये हो गयी। राज्य पर कर्ज का बोझ बढ़ कर 126353.2 करोड़ रुपये हो गया।

 

बजट में इनकी उम्मीद

सूत्रों की मानें तो आज के बजट में वन क्षेत्र में आने वाले गांवों को पक्की सड़क से जोड़ने, परंपरागत ग्राम प्रधानों को बाइक देने, मोटा अनाज उत्पादन के लिए प्रोत्साहन राशि देने आदि की घोषणा की जा सकती है।

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