जयपुर: अजमेर के प्रमुख न्यायालय में 1993 बम धमाकों की सुनवाई पूरी, 29 फरवरी को सुनाएंगे फैसला

जयपुर: अजमेर के प्रमुख न्यायालय में 1993 बम धमाकों की सुनवाई पूरी, 29 फरवरी को सुनाएंगे फैसला
Last Updated: 14 मार्च 2024

जयपुर: अजमेर के प्रमुख न्यायालय में 1993 बम धमाकों की सुनवाई पूरी, 29 फरवरी को सुनाएंगे फैसला 

अजमेर के विशेष न्यायालय में 6 दिसंबर 1993 को लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद और मुंबई की ट्रेनों में हुए लगातार बम धमाकों के मामले को लेकर सुनवाई पूरी हो गई है. इस मामले पर फैसला 29 फरवरी को सुनाया जाएगा। इस मामले के मुख्य आरोपित अब्दुल करीम (उर्फ टुंडा), इरफान और हमीमुद्दीन सलाखों के पीछे (जेल में बंद) हैं।

Subkuz.com के पत्रकार को प्राप्त जानकारी के अनुसार बम धमका करने के बाद टुंडा फरार हो गया, किन्तु 2013 में नेपाल सीमा से उसे पकड लिया गया था और उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद जेल में बंद कर दिया लेकिन 24 सितंबर 2023 को उसे अजमेर की जेल में लाया गया। जानकारी के मुताबिक 1996 में दिल्ली पुलिस मुख्यालय के सामने हुए बम धमाकों का आरोप भी टुंडा पर ही लगाया गया हैं।

जानकारी के अनुसार वर्ष 2000 में टुंडा के बांग्लादेश में मारे जाने की सूचना मिली थी, लेकिन 2005 में आतंकी हमले में दिल्ली में पकड़े गए 'लश्कर--तैयबा' संस्था के मुख्य आतंकी अब्दुल रज्जाक मसूद ने टुंडा के जिंदा होने की जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को दी थी।

टुंडा के खिलाफ विभिन्न मामले थे दर्ज

बताया गया है कि वर्ष 2001 में संसद भवन पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से जिन 21 आतंकवादियों के प्रत्यर्पण की मांग की गई थी, उनमें आतंकी टुंडा का नाम भी शामिल था। टुंडा के खिलाफ 35 विभिन्न प्रकार के मामले दर्ज है. बताया कि एक वर्ष (1997 से 1998) में करीब 40 बम धमाके किए  है. आतंकी टुंडा उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के पिलखुवा गांव का रहने वाला हैं।

जानकारी के अनुसार आतंकी टुंडा वर्ष 1980 में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ (इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस) और आतंकी संगठनों के संपर्क में आया था. उसी दौरान वह "लश्कर--तैयबा" गेंग से जुड़ा था. बताया है कि टाडा कानून के तहत पकड़े जाने वाले आरोपियों की सुनवाई के लिए देश में केवल तीन मुख्य न्यायालय है. यह न्यायालय अजमेर, मुंबई और श्रीनगर में है और उत्तर भारत से जुड़े लगभग सभी मामलों की सुनवाई अजमेर स्थित टाडा न्यायालय में होती हैं।

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