श्री अकाल तख्त साहिब पर जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें सुखबीर बादल और उनकी सरकार के 2007-2017 तक के मंत्रियों को सजा सुनाई गई। सुखबीर बादल को जुलाई में तनखैया घोषित किया गया था।
Punjab News: अकाल तख्त साहिब में जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की अध्यक्षता में पांच सिख साहिबानों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर बादल, उनकी सरकार में 2007-2017 तक मंत्री रहे अन्य नेताओं और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व व वर्तमान अध्यक्षों को बुलाया गया। इन नेताओं को अकाल तख्त द्वारा विभिन्न धार्मिक गलतियों के लिए सजा सुनाई गई।
सजा के तहत शौचालय सफाई और लंगर सेवा
बैठक में सुखबीर बादल और उनके साथ के अन्य मंत्रियों ने अपनी सरकार में हुई धार्मिक गलतियों को स्वीकार किया। इसके बाद अकाल तख्त ने दोषियों को शौचालय सफाई और लंगर घर में सेवा करने की सजा दी। सुखबीर बादल को खास तौर पर एक घंटे शौचालय की सफाई के बाद लंगर के बर्तन धोने की सेवा दी गई। उनका इलाज चल रहा है, इस कारण वे व्हील चेयर पर सेवा करेंगे।
माफी के बाद माफी का खिताब वापस
अकाल तख्त ने डेरा मुखी को माफी देने के मामले में भी कार्रवाई की। डेरा मुखी की माफी मंगवाने पर सिंह साहिबान ने फखर-ए-कौम का खिताब वापस लेने की घोषणा की। साथ ही, माफी के लिए दिए गए विज्ञापन की राशि को व्याज सहित अकाउंट ब्रांच में जमा करवाने के आदेश भी दिए गए।
सुखबीर बादल ने स्वीकार की गलती
सुखबीर बादल ने अपनी सरकार की कई भूलों को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि सरकार में बेअदबी, बेहबल कला गोलीकांड, और अन्य घटनाओं के कारण उन्होंने गलतियां कीं। सुखबीर ने इस बात को भी स्वीकार किया कि वह अपनी गलती के लिए जिम्मेदार हैं।
अकाल तख्त साहिब का संदेश
जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि सजा देने में कोई दबाव नहीं था और यह निर्णय पंथ की रक्षा के लिए लिया गया है। उन्होंने अकाली दल से कहा कि अगर पार्टी सिख समुदाय के हितों की रक्षा करना चाहती है तो उसे अपनी गलतियों को सुधारना होगा।
डेरा मुखी पर माफी के मामले में विरोध
कई नेताओं ने इस मामले पर अपने बयान दिए, जिसमें विक्रम मजीठिया और बलविंदर सिंह ने अपनी गलती मानी। वहीं, चंदू माजरा ने झूठी बयानबाजी के बाद सिंह साहिबान से फटकार भी खाई।
आगे की कार्रवाई
अकाल तख्त ने आगामी समय में और भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की योजना बनाई है। 3 दिसंबर को सुखबीर और अन्य नेताओं को शौचालय सफाई और लंगर सेवा के बाद श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा। यह फैसला पंथ की सुरक्षा और सम्मान के लिए लिया गया है।