बिहार में बीपीएससी की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्रों का प्रदर्शन जारी है। पटना, आरा और दरभंगा में बंद और चक्का जाम का असर देखा गया। छात्र पेपर लीक की जांच, लाठीचार्ज और मृतक के परिवार को मुआवजा चाहते हैं।
BPSC Row: बिहार में बीपीएससी परीक्षा को लेकर छात्रों का प्रदर्शन तेज हो गया है। छात्रों ने बिहार बंद और चक्काजाम का एलान किया है, जो पटना, आरा और दरभंगा में दिखा है। इस प्रदर्शन में छात्रों की मुख्य मांग है कि 70वीं CCE परीक्षा को रद्द किया जाए और छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के दोषियों पर कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, पेपर लीक करने वालों को गिरफ्तार करने और मृतक छात्र सोनू कुमार के परिवार को मुआवजा देने की भी मांग की जा रही है।
आरा और पटना में प्रदर्शन का असर
आरा में छात्रों ने रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोकी और प्रदर्शन किया। इसके साथ ही आरा-पटना-सासाराम मुख्य मार्ग पर बैराकेडिंग कर चक्का जाम किया गया, जिससे हाइवे पर ट्रैफिक काफी देर तक रुका रहा। छात्रों ने ट्रेन इंजन के सामने खड़े होकर विरोध प्रदर्शन किया।
बीपीएससी परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप
बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा में पेपर लीक और अनियमितताओं के आरोप लगाए गए हैं। छात्रों का कहना है कि सरकार बड़े दावे करती है लेकिन परीक्षा ठीक से आयोजित नहीं कर पा रही है। बिहार में शिक्षा और परीक्षा माफियाओं का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। छात्रों का यह भी आरोप है कि लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगें उठाने पर उन्हें लाठीचार्ज का सामना करना पड़ता है।
मुजफ्फरपुर में आत्महत्या के बाद का आक्रोश
मुजफ्फरपुर के एक केंद्र पर बीपीएससी परीक्षा देने वाले छात्र सोनू कुमार ने तनाव के कारण आत्महत्या कर ली थी। छात्रों का आरोप है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि सांस्थानिक हत्या थी। इसके बाद छात्रों ने मोमबत्तियां जलाकर सोनू कुमार को श्रद्धांजलि दी और उसके परिवार को मुआवजा देने की मांग की।
दरभंगा में ट्रेन रोककर विरोध
30 दिसंबर को दरभंगा में छात्रों ने लाठीचार्ज के खिलाफ विरोध करते हुए पटना जाने वाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन को रोका। प्रदर्शनकारियों ने 10 मिनट तक ट्रेन रोककर सरकार से वार्ता की मांग की।
भाजपा नेता द्वारा शिकायत
इस बीच, भाजपा नेता कृष्ण कुमार कल्लू ने प्रशांत किशोर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि प्रशांत किशोर ने बीपीएससी छात्रों को भड़काया है, जिससे प्रदर्शन और हिंसा बढ़ी है।
मुख्य सचिव ने सरकार की ओर से बातचीत के लिए दरवाजा खोला है, लेकिन छात्रों के विरोध प्रदर्शन ने बिहार में राजनीतिक और सामाजिक माहौल को गरम कर दिया है।