Business News : भारतीय एयरलाइन गोफर्स्ट ( Go First ) की समस्या और भारत में विमानन कम्पनियाँ

Business News : भारतीय एयरलाइन गोफर्स्ट ( Go First ) की समस्या और भारत में विमानन कम्पनियाँ
Last Updated: 26 मई 2023

भारतीय एयरलाइन गोफर्स्ट ( Go First ) की समस्या और भारत में विमानन कम्पनियाँ 

सस्ती उड़ान सेवा देनेवाली एयरलाइन कंपनी गोफर्स्ट ( Go First ) एयरलाइंस लंबे समय से पैसों की तंगी का सामना कर रही थी, और अपने आप को बचाने की कोशिश कर रही थी, पर लगता है कोशिश काम नहीं आई और इस एयरलाइन कंपनी ने दिवालियापन की कार्यवाही के लिए आवेदन दायर कर दिया। 

आखिर क्या बात है की लगातार एक के बाद एक एयरलाइन कम्पनियाँ इस तरह से डूबती जा रही हैं। हाल ही दिनों की तो बात है, पिछले कुछ ही सालों के अंदर भारत की कई एयरलाइन कंपनियां जैसे की, किंगफिशर एयरलाइन और जेट एयरवेज बंद हुई, उसके बाद एयर इंडिआ बंद होते होते बची पर बिक जरूर गई और अब गोफर्स्ट ( Go First ) बंद होने के कगार पर पहुंच गई। पिछले कुछ सालों में इस हाल में पहुंचने वाली ये भारत की तीसरी एयरलाइंस कंपनी है। 

एयरलाइन कंपनी गोफर्स्ट ( Go First ) लम्बे समय से पैसों की तंगी का सामना कर रही थी। कंपनी ने राष्ट्रीय कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) को स्वैच्छिक रूप से दिवालियापन की कार्यवाही के लिए आवेदन दिया है. एयरलाइन कंपनी गोफर्स्ट ( Go First ) ने इस लेवल तक अपनी  माली हालत खराब हो जाने का जिम्मेदार अमेरिका की हवाई जहाजों के इंजन बनाने वाली कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी ( Pratt & Whitney ) को ठहराया है। 

भारी घाटा 

वडिआ समूह  ( Wadia Group ) की कंपनी गोफर्स्ट ( Go First ) का आरोप है कि प्रैट एंड व्हिटनी ( Pratt & Whitney ) द्वारा उपलब्ध कराए गए इंजन लंबे समय से फेल हो रहे थे और इसके कारन अभी भी गोफर्स्ट ( Go First ) के 25 विमान बेकार पड़े हुए हैं। अगर संख्या की बात करें तो, ये कंपनी के कुल विमानों की संख्या से आधी संख्या के बराबर है। कंपनी का ये भी कहना है कि इसी वजह से उसे काफी भारी वित्तीय मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. कंपनी को करीब 10,800 करोड़ रुपयों का घाटा हुआ है। 

कंपनी ने अपने बयान में कहा है, कि यह समस्या जनवरी 2020 से ही चल रही थी, जनवरी 2020 से लेकर अभी तक प्रैट एंड व्हिटनी ( Pratt & Whitney ) के खराब इंजनों की वजह से बेकार पड़े जहाजों की संख्या धीरे धीरे बढ़कर 50 प्रतिशत तक पहुंच गई। कंपनी गोफर्स्ट ( Go First ) ने यह भी कहा है कि सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर ने  प्रैट एंड व्हिटनी ( Pratt & Whitney ) को ये आदेश दिया था कि वो अप्रैल तक कम से कम 10 एक्स्ट्रा इंजन लीज पर भेज दें, और दिसंबर तक हर महीने 10 एक्स्ट्रा इंजन लीज पर भेजे।  

कंपनी ( Go First ) के मुताबिक अगर प्रैट एंड व्हिटनी ( Pratt & Whitney ) कंपनी ने इंजन भेजे होते तो हमारी कंपनी अगस्त या सितंबर तक पूरी तरह से अपना काम  फिर से शुरू कर पाती और ज्यादा से ज्यादा उड़ाने संचालित कर पाती, लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ और इसके परिणाम स्वरुप गोफर्स्ट ( Go First ) एयरलाइन वित्तीय संकट में बुरी तरह फंस गई। कंपनी के बयान के अनुसार ( Go First ) एयरलाइन के प्रोमोटर कंपनी वाडिया समूह ( Wadia Group ) ने पिछले तीन सालों में इस एयरलाइन को बचाने के लिए कंपनी में काफी पैसा डाला, वाडिया समूह ( Wadia Group ) ने करीब 3,200 करोड़ रुपए पिछले 3 साल में लगाए हैं।

 

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