Delhi Election Result: AAP का किला हुआ कमजोर! कांग्रेस-AIMIM की रणनीति ने डगमगाई केजरीवाल की सत्ता, देखें पूरा समीकरण 

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दिल्ली चुनाव में बादली, सुल्तानपुर माजरा, बाबरपुर और मुस्तफाबाद में कांग्रेस ने मजबूत उम्मीदवार उतारकर AAP की राह मुश्किल की। सीलमपुर सीट पर 57% मुस्लिम वोटरों का दबदबा है।

Delhi Election Result: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की बड़ी जीत होती दिख रही है। रुझान लगभग स्थिर हो गए हैं और अगर यही आंकड़े नतीजों में तब्दील होते हैं, तो राजधानी में भाजपा की सरकार बनना तय है। इस बार चुनाव में भाजपा ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। पार्टी के वोट शेयर में 34 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) को भारी नुकसान हुआ है। अरविंद केजरीवाल की पार्टी को करीब 35 प्रतिशत कम वोट मिले हैं, जिससे उनकी सरकार बनाने की उम्मीदों को करारा झटका लगा है।

AIMIM और कांग्रेस ने मुस्लिम वोट बैंक में लगाई सेंध

राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक, इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने पहुंचाया है। मुस्लिम बहुल सीटों पर AIMIM और कांग्रेस दोनों ने मजबूत उम्मीदवार उतारे, जिससे मुस्लिम वोट तीन पार्टियों में बंट गए। इस त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय मुकाबले का सीधा फायदा भाजपा को मिला। जहां मुस्लिम वोटों में बंटवारा हुआ, वहीं हिंदू मतदाताओं ने भाजपा के पक्ष में एकमुश्त मतदान किया।

AAP के वोट बैंक में कांग्रेस ने की सेंधमारी

कुछ प्रमुख विधानसभा क्षेत्रों जैसे बादली, सुल्तानपुर माजरा, बाबरपुर और मुस्तफाबाद में दलित, मुस्लिम और प्रवासी मजदूरों की बड़ी आबादी है। यहां कांग्रेस ने दमदार उम्मीदवार उतारकर आम आदमी पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं। उत्तर-पूर्व दिल्ली की सीलमपुर सीट, जहां मुस्लिम आबादी का दबदबा है और 57 प्रतिशत से अधिक मतदाता मुस्लिम हैं, पर भी कांग्रेस ने अपनी पकड़ मजबूत बनाई। यह सीट पहले कांग्रेस का गढ़ रही थी, लेकिन 2015 और 2020 के चुनाव में AAP ने जीत दर्ज की थी। इस बार कांग्रेस ने अब्दुल रहमान को उम्मीदवार बनाया, जो पहले AAP में थे और मौजूदा विधायक थे। उन्होंने चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस जॉइन कर ली, जिससे यह मुकाबला और दिलचस्प हो गया।

मुस्लिम बहुल सीटों पर AIMIM की मजबूत पकड़

दिल्ली की कई मुस्लिम बहुल सीटों पर कांग्रेस और AIMIM के उम्मीदवारों ने भावनात्मक अपील कर मुस्लिम वोटर्स को अपनी तरफ खींचने की कोशिश की। मटिया महल (60% मुस्लिम मतदाता), बल्लीमारान (50% मुस्लिम मतदाता) और चांदनी चौक (30% मुस्लिम मतदाता) जैसी सीटों पर कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी। इसके अलावा, दलित बहुल सीमापुरी और सुल्तानपुर माजरा सीटों पर भी कांग्रेस ने जोरदार प्रचार किया। AIMIM के उम्मीदवारों ने चुनाव प्रचार के दौरान मुस्लिम मतदाताओं से भावुक अपील की, जिससे पहले AAP के समर्थक रहे मुस्लिम वोटर्स AIMIM की ओर शिफ्ट हो गए।

झुग्गी-झोपड़ी वोट बैंक में भी कांग्रेस की सेंध

आम आदमी पार्टी की जीत में झुग्गी-झोपड़ी के मतदाताओं की हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका रही है, लेकिन इस बार कांग्रेस ने अपने दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नाम पर वोट मांगे। कांग्रेस नेताओं ने झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों में जाकर मतदाताओं को शीला दीक्षित के कार्यकाल के विकास कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं की याद दिलाई।

कांग्रेस ने प्रचार में यह बताया कि जेजे कॉलोनियों की स्थापना उनकी सरकार ने की थी और दलित वर्ग आज भी शीला दीक्षित की सराहना करता है। कांग्रेस ने इस भावनात्मक मुद्दे को चुनाव में भुनाया, जिससे AAP को नुकसान हुआ।

केजरीवाल के लिए बड़ा झटका

AAP की हार को अरविंद केजरीवाल के लिए एक बहुत बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। चुनावी रुझानों और नतीजों से साफ है कि भाजपा ने दिल्ली में एकतरफा बढ़त बना ली है और कांग्रेस-AIMIM ने AAP के वोट बैंक को बुरी तरह प्रभावित किया है।

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