दिल्ली में प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है. वैसे भी भारत के और राज्य के मुकाबले राजधानी दिल्ली में प्रदूषण सबसे अधिक है, इसका असर दिल्लीवालों की सेहत पर भी पड़ सकता है. बच्चों के लिए भी प्रदूषण खतरनाक साबित हो सकता है. हालांकि, बढ़ते प्रदूषण के बीच भी राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल खुले हुए हैं. इसी सिलसिले में NCPCR ने दिल्ली सरकार को नोटिस भेजा है.
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचता जा रहा है. दिल्ली की आबोहवा दिल्लीवालों की सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है. दिल्ली में खतरनाक स्तर पर प्रदूषण के बाद भी स्कूल खुले हुए हैं. इसी सिलसिले में नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) ने दिल्ली सरकार को एक नोटिस भेजा है .
NCPCR के चीफ प्रियंक कानूनगो का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण के ख़तरनाक स्तर के कारण स्कूली बच्चों की सुरक्षा चिंता का विषय है,अभी तक दिल्ली की राज्य सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है. बच्चे स्कूल आने जाने में, खेल के मैदानों में ज़हरीली हवा के प्रकोप में हैं. दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण बच्चों सेहत पर असर डाल सकता है.
SAFAR India air quality service के मुताबिक, आज 2 नवंबर की सुबह 7 बजे के करीब राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 373 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है. हालांकि, ये बीते दिन की तुलना में थोड़ा बेहतर है. वहीं, एनसीआर की बात की जाए तो नोएडा का हाल दिल्ली से भी बद्तर बना हुआ है. SAFAR के मुताबिक, आज 2 नवंबर की सुबह 7 बजे के करीब AQI 428 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है. इसके अलावा गुरुग्राम में AQI 364 दर्ज हुआ और CPCB के मुताबिक, गाजियाबाद का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 342 दर्ज किया गया.