हरियाणा: 'सच के साथी सीनियर्स' ने वरिष्ठ नागरिकों को दी साइबर फ्रॉड से बचने की ट्रेनिंग
देश में सोशल मीडिया और मोबाइल के बढ़ते उपयोग के साथ ही साइबर फ्रॉड और फर्जी सूचनाओं के मामले सामने आ रहे है. लोगो को सूचना तकनीक (Digitan Safety) और तथ्य जांच (Fact Checking) की बुनियादी जानकारी देने के लिए पत्रकार ने ट्रेनिंग का आयोजन किया। साइबर फ्रॉड रोकने में एक्सपर्ट ने प्रतिभागियों को नकली छवि (Deep Fake) को पहचानने का तरीका बताया।
Subkuz.com के पत्रकार को प्राप्त जानकारी के अनुसार 2 फरवरी को गुरुग्राम के कोरस बैंक्वेट एंड कन्वेंशन्स (Corus Banquet & Conventions) में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को फर्जी और भ्रामक सुचनाओं की पहचान करके साइबर फ्रॉड से बचने का तरीका बताना था।
साइबर फ्रॉड के लिए एक्सपर्ट की राय
जानकारी के अनुसार प्रतिभागियों को सीनियर एडिटर एवं फैक्ट चेकर संध्या कपूर ने 'स्वस्थ खानपान और स्वस्थ सेहत' का उदाहरण देते हए बताया कि "संदिग्ध सूचनाओं से मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, इसलिए अच्छी सूचनाएं मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरुरी है" संध्या ने कहां कि हमें फ्रॉड और भ्रामक करने वाली सुचनाओं की पहचान करके उनसे बचना चाहिए।
खबरों के अनुसार डिप्टी एडिटर एवं फैक्ट चेकर देविका मेहता ने कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों को नकली छवि (Deep Fake) के खतरों के बारे में उदाहरण के माध्यम से समझाया। उन्होंने कहां कि एआई टूल्स ( artificial intelligence) की मदद से किसी आवाज को क्लोन करके या किसी शख्सियत का चेहरा बदलकर डीपफेक (नकली छवि) वीडियो बनाए जाते है। इन्हें पहचानने के लिए बहुत सजग रहना पड़ेगा। इनमें कुछ कमियां होती हैं, जिन्हें ध्यान से देखने पर पकड़ा जा सकता हैं।
Associate Editor and Fact Checker अभिषेक पराशर ने कार्यक्रम के दौरान फैक्ट चेकिंग टूल्स के बारे में बताते हुए कहां कि किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए। उसके स्रोत (source) की जानकारी प्राप्त कर उसकी सच्चाई का पता लगाया जा सकता है। गूगल ओपन सर्च और गूगल लेंस टूल की मदद से किसी भी संदिग्ध सूचना या तस्वीर के स्रोत (source) का पता लगाया जा सकता है, तथा इसकी जांच करके फर्जी और भ्रामक सूचनाओं की चेन को तोड़ा जा सकता हैं।
फरीदाबाद में होगी आगामी ट्रेनिंग
Subkuz.com News रिपोर्टर को सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया कि 6 फरवरी को फरीदाबाद में इस तरह की ट्रेनिंग का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहां कि इससे पहले राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार में सेमिनार के माध्यम से लोगों को इस तरह का प्रशिक्षण दिया जा चुका है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को विश्वसनीय और अविश्वसनीय सुचना में अंतर करके साइबर फ्रॉड से बचने में मदद करना हैं।