पंजाब-हरियाणा और चंडीगढ़ बार काउंसिल ने द सर्टिफिकेट एंड पैलेस ऑफ प्रैक्टिस के अंतर्गत प्रशासनिक समिति हरियाणा का गठन कर रजिस्टर्ड अधिवक्ताओं कै शैक्षणिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया। जिसके तहत 220 अधिवक्ताओं की डिग्री फर्जी निकली।
चंडीगढ़ न्यूज़: पंजाब-हरियाणा व चंडीगढ़ बार काउंसिल के पंजीकृत 220 एडवोकेट्स की शैक्षणिक डिग्रियां फर्जी मिली हैं। इन सभी फर्जी डिग्रीयों के आधार पर वकालत करने वाले एडवोकेट्स के लाइसेंस को रद्द कर किए जाएंगे।
इनके अलावा इनरोलमेंट लिस्ट से उनके नाम भी हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, इससे भविष्य में वैध डिग्री लेकर भी ये सभी वकालत नहीं कर सकेंगे। बार काउंसिल द्वारा गठित समिति ने काफी अधिवक्ताओं पर FIR दर्ज करने की सिफारिश भी की है।
220 अधिवक्ताओं की डिग्रियां फर्जी
पंजाब-हरियाणा व चंडीगढ़ बार काउंसिल ने द सर्टिफिकेट एंड पैलेस ऑफ प्रैक्टिस (Bar Council of Certificate and Place of Practice) (Verification Rules 2015) के अंतर्गत प्रशासनिक समिति हरियाणा का गठन किया था। इस समिति ने पंजीकृत एडवोकेट्स के शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों के सत्यापन किए। जिसके दौरान जांच में 220 एडवोकेट्स की डिग्री फर्जी मिली हैं।
इनरोलमेंट लिस्ट से हटाए नाम
मिली जानकारी के अनुसार, जिन अधिवक्ताओं की डिग्री फर्जी मिली है, उनको क़ानूनी तौर पर व्यक्तिगत नोटिस देकर सुनवाई के लिए पेश होने को कहा गया, लेकिन बता दें कि अधिकतर तथाकथित अधिवक्ता समिति के सामने बुलाने पर भी पेश ही नहीं हुए। कुछ ने समिति से पंजीकरण सूची से नाम हटाने का आग्रह किया।
बतायाजा रहा है कि जो अधिवक्ता सुनवाई के दौरान समिति के सामने पेश नहीं हुए थे, उनको दोबारा मौका दिया गया है। अगर सुनवाई के दौरान उन्होंने अपनी शैक्षणिक डिग्रियों के प्रमाण दे दिए तो ठीक, अन्यथा उन सभी का भी लाइसेंस रद्द कर पंजीकरण लिस्ट से नाम हटा दिया जाएगा।