Haryana Election 2024: हरियाणा कांग्रेस में खत्म हुआ आपसी विवाद, राहुल गांधी की चुनावी रैली में एक साथ दिखेंगे हुड्डा-शैलजा, पढ़ें पूरी जानकारी

Haryana Election 2024: हरियाणा कांग्रेस में खत्म हुआ आपसी विवाद, राहुल गांधी की चुनावी रैली में एक साथ दिखेंगे हुड्डा-शैलजा, पढ़ें पूरी जानकारी
Last Updated: 1 दिन पहले

राहुल गांधी आज गुरुवार से हरियाणा में चुनाव प्रचार की शुरुआत करने जा रहे हैं। इस चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस पार्टी आंतरिक कलह का सामना कर रही है, जिससे पार्टी की एकजुटता पर सवाल उठ रहे हैं। राहुल की रैली में पार्टी के नेता एक साथ आकर "ऑल इज वेल" का संदेश देने की कोशिश कर सकते हैं, ताकि पार्टी की एकजुटता और मजबूती का प्रदर्शन किया जा सके।

चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव प्रचार अपने चरम पर है, और केवल 8 दिन शेष रह गए हैं। इस स्थिति में, कांग्रेस पार्टी अपनी अंदरूनी कलह के बावजूद आज एकजुटता का प्रदर्शन करने जा रही है। राहुल गांधी आज से हरियाणा में चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे, जिसमें उनकी पहली रैली करनाल के असंध में होगी। रैली में हरियाणा कांग्रेस के सभी बड़े नेता एक साथ मंच पर मौजूद रहेंगे, जिससे पार्टी के भीतर एकजुटता का संकेत मिलेगा। करनाल की इस रैली में राहुल के साथ कुमारी शैलजा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला जैसे वरिष्ठ नेता भी उपस्थित रहेंगे।

राहुल की रैली में शामिल होंगे सभी नेता

राहुल गांधी की पहली रैली करनाल के असंध सीट पर होगी, जहां कांग्रेस ने मौजूदा विधायक शमशेर गोगी को फिर से मैदान में उतारा है। गोगी को कुमारी शैलजा का करीबी माना जाता है, जिससे पार्टी में उनकी स्थिति को मजबूत किया गया है।

इसके बाद, राहुल गांधी हिसार के बरवाला में एक जनसभा को संबोधित करेंगे, जहां वे कांग्रेस उम्मीदवार राम निवास घोड़ेला के लिए वोट मांगेंगे। घोड़ेला को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का करीबी सहयोगी माना जाता है। इस रैली में भूपेंद्र हुड्डा भी मौजूद रहेंगे, लेकिन कुमारी शैलजा की उपस्थिति अभी निश्चित नहीं है। कुमारी शैलजा को आज तीन रैलियों को संबोधित करना है और उनके कार्यक्रम में बरवाला रैली में शामिल होने का कोई जिक्र नहीं है, जिससे उनकी उपस्थिति पर सवाल उठ रहे हैं।

हरियाणा में कांग्रेस पार्टी एकजुटता दिखाने की कर रही कोशिश

कुमारी शैलजा टिकट बंटवारे में खुद को नजरअंदाज किए जाने को लेकर नाराज थीं, जिसके कारण वह रैलियों से दूर रहीं। इस विवाद ने हरियाणा में कांग्रेस के चुनाव प्रचार को प्रभावित किया है, और पार्टी के बड़े नेता अब तक अभियान में सक्रिय नहीं हो पाए हैं। इस बीच, बीजेपी का प्रचार तेज़ी से चल रहा है, और पीएम मोदी ने हरियाणा में अब तक दो रैलियां की हैं। कांग्रेस अब एकजुटता का संदेश देने की कोशिश कर रही है ताकि अंदरूनी कलह के कारण उन्हें कोई नुकसान हो। पार्टी यह संदेश देना चाहती है कि "ऑल इज वेल" है, जिससे मतदाताओं के बीच विश्वास बहाल हो सके।

कुमारी शैलजा 13 दिन बाद फिर से चुनाव प्रचार में उतर रही हैं, जबकि उन्होंने आखिरी बार 13 सितंबर को प्रचार किया था, जब टिकट बंटवारे की प्रक्रिया चल रही थी। शैलजा हरियाणा में कांग्रेस की सबसे बड़ी दलित चेहरा मानी जाती हैं, और राज्य में लगभग 20 प्रतिशत दलित वोटर हैं। इस लिहाज से, उनकी उपस्थिति कांग्रेस के अभियान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हरियाणा में अनुसूचित जातियों के लिए 17 सीटें रिजर्व हैं, लेकिन उनका असर 35 से 37 सीटों पर भी है। ऐसे में शैलजा का योगदान कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, खासकर जब पार्टी को अपनी ताकत को पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता हैं।

 

 

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