बिजली विभाग ने बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ लगातार अभियान चला रहा है। बस्ती में विद्युत वितरण खंड प्रथम में बिजली चोरी को रोकने के लिए "मॉर्निंग रेड" नामक अभियान भी शुरू किया हैं। इस कार्रवाई के तहत 11 उपभोक्ताओं के खिलाफ FIR दर्ज की गई। टीम ने कुल 23 किलोमीटर की लंबाई में जांच-पड़ताल की।
UPPCL: विद्युत वितरण खंड प्रथम ने विद्युत चोरी को रोकने के लिए एक विशेष मॉर्निंग रेड अभियान की शुरुआत की, जिसमें 11 उपभोक्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई की गई है। इस दौरान टीम ने 23 किलोवाट की विद्युत चोरी का खुलासा किया है। विजिलेंस टीम के साथ अभियंताओं ने शक्तिनगर कॉलोनी, भुवर निरंजनपुर, जेलगेट, और लौकिहवा मोहल्ले में विद्युत कनेक्शनों की गहन जांच की।
इस अभियान के तहत 41 लाख रुपये की बकाया राशि वाले 37 विद्युत कनेक्शनों को काट दिया गया है। इसके अलावा, आठ उपभोक्ताओं के कनेक्शनों में भार वृद्धि करते हुए उनकी क्षमता को 18 किलोवाट तक बढ़ाया गया है। साथ ही, दो उपभोक्ताओं के टैरिफ में भी बदलाव किया गया है।
11 उपभोक्ताओं पर दर्ज किया गया मामला
विद्युत वितरण खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता मनोज सिंह ने जानकारी दी है कि विद्युत चोरी रोकने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस कार्रवाई के तहत 11 उपभोक्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है।
बिजली की तार के नीचे घर बनाने का कारण बताएं?
विद्युत विभाग उन लोगों की पहचान कर रहा है जिन्होंने विद्युत लाइन के नीचे अपना घर बना लिया है। ऐसा सोचकर कि भविष्य में विभाग पोल और तार हटा सकता है। लेकिन जब कोई दुर्घटना होती है, तो ये लोग सीधे विभाग को दोषी ठहराते हैं। विभाग का मानना है कि लोग जानबूझकर पोल और तार के निकट घर और चहारदीवारी का निर्माण कर रहे हैं, और फिर विभाग के खिलाफ शिकायतें कर रहे हैं।
अब विभाग ऐसे लोगों को नोटिस देने की योजना बना रहा है और उनसे पूछेगा कि उन्होंने तार के नीचे घर क्यों बनाया। यदि कोई घटना घटित होती है, तो इसके लिए विभाग जिम्मेदार नहीं होगा, बल्कि उस व्यक्ति को स्वयं इसका उत्तर देना होगा। इस संदर्भ में मुख्य अभियंता स्तर से सभी अधीक्षण अभियंताओं को निर्देश जारी किए गए हैं।