खेल जगत की दो बड़ी हस्तियाँ, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया, आज (6 सितंबर) को कांग्रेस पार्टी में शामिल हो रहे हैं। ये खबर हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले आई है और इसे राजनीतिक हलचल का अहम मोड़ माना जा रहा हैं।
चंडीगढ़: हरियाणा चुनाव से पहले आज, 6 सितंबर को जाने-माने पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया कांग्रेस पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं। यह खबर हरियाणा चुनावों के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बुधवार को विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद ही उनके कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा शुरू हो गई थी। पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट फाइनल मुकाबले में डिस्क्वालिफाई हो गई थीं। अब देखना होगा कि कांग्रेस में शामिल होने के बाद ये दोनों पहलवान हरियाणा चुनावों में पार्टी के लिए कितना फायदेमंद साबित होते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, विनेश फोगाट आगामी विधानसभा चुनाव भी लड़ सकती हैं और उन्हें दादरी सीट से टिकट मिल सकता है। इस घटना को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएँ तेज हो गई हैं। विनेश और बजरंग के कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी को चुनावों में बड़ा फायदा होने की उम्मीद हैं।
विनेश दादरी सीट और बजरंग पुनिया किसी जाट बहुल सीट से लड़ सकते है चुनाव
सूत्रों के मुताबिक रेसलर विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया आज दोपहर 1:30 बजे कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकते हैं। यह खबर सामने आने के बाद, भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "अगर विनेश देश की बेटी से कांग्रेस की बेटी बनना चाहती है तो हमें क्या ऐतराज होगा?" सूत्रों से यह भी पता चला है कि विनेश आगामी विधानसभा चुनाव भी लड़ सकती हैं। उन्हें दादरी से टिकट मिल सकता है। बजरंग पुनिया ने हालांकि बादली से टिकट माँगा है, लेकिन कांग्रेस पार्टी उन्हें किसी जाट बहुल सीट से उतारने की योजना बना रही हैं।
हरियाणा में कब होंगे विधानसभा चुनाव?
हरियाणा विधानसभा चुनाव 5 अक्टूबर से शुरू होंगे और मतगणना 8 अक्टूबर को होगी। ये तारीखें पहले क्रमश: 1 और 4 अक्टूबर थीं, लेकिन चुनाव आयोग ने इनमें बदलाव किया है। यह फैसला बिश्नोई समुदाय के मताधिकार और उनकी परंपराओं दोनों का सम्मान करने के लिए लिया गया है। बिश्नोई समुदाय के लोग आसोज अमावस्या उत्सव में भाग लेने की सदियों पुरानी परंपरा को मानते हैं। यह महत्वपूर्ण उत्सव इस बार 4 अक्टूबर को पड़ रहा था, जिसके कारण चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीखें बदलने का निर्णय लिया।
यह कदम बिश्नोई समुदाय के प्रति सम्मान दर्शाता है और यह सुनिश्चित करता है कि उनके धार्मिक उत्सव में किसी भी तरह की बाधा न आए। इसके साथ ही, यह सुनिश्चित करता है कि सभी मतदाता बिना किसी व्यवधान के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।