ISRO SSLV-D3 Launch: इसरो ने किया कीर्तिमान हासिल, धरती की निगरानी के लिए ईओएस-08 का सफल प्रक्षेपण, पढ़ें पूरी खबर

ISRO SSLV-D3 Launch: इसरो ने किया कीर्तिमान हासिल, धरती की निगरानी के लिए ईओएस-08 का सफल प्रक्षेपण, पढ़ें पूरी खबर
Last Updated: 05 सितंबर 2024

ISRO SSLV-D3 Launch: इसरो ने किया कीर्तिमान हासिल, धरती की निगरानी के लिए ईओएस-08 का सफल प्रक्षेपण, पढ़ें पूरी खबर .

ईओएस-8 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुक्रवार सुबह सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। इस रॉकेट में नया अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट ईओएस-8 शामिल है, जो पृथ्वी की निगरानी करेगा और आपदाओं से संबंधित जानकारी एकत्रित करेगा। ईओएस-08 में तीन पेलोड लगाए गए हैं। इसके अलावा एक छोटा सैटेलाइट SR-0 DEMOSAT भी इस रॉकेट के साथ भेजा गया हैं।

नई दिल्ली: धरती की निगरानी के लिए ईओएस-8 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुक्रवार (16 अगस्त) सुबह सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। इस रॉकेट में नया अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट EOS-8 शामिल है। इसके साथ ही एक छोटा सैटेलाइट SR-0 DEMOSAT भी इस रॉकेट के माध्यम से भेजा गया है। बताया गया है कि दोनों सैटेलाइट्स धरती से 475 किमी की ऊँचाई पर गोलाकार कक्षा में परिक्रमा करेंगे।

ईओएस-08 में लगाए गए तीन पेलोड

इसरो के अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि एसएसएलवी-डी3-ईओएस-08 मिशन में भेजे गए उपग्रहों का कुल वजन 175.5 किलोग्राम है। इस ईओएस-08 मिशन का मुख्य उद्देश्य माइक्रोसेटेलाइट का डिज़ाइन और विकास करना है। ईओएस-08 में तीन प्रमुख पेलोड स्थापित किए गए हैं, जिनमें इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड (ईओआइआर), ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड (जीएनएसएस-आर) और सीआइसी यूवी डोसीमीटर शामिल हैं।

आपदाओं संबंधित जानकारी एकत्रित करेगा सैटेलाइट

ईओआइआर पेलोड को उपग्रह आधारित निगरानी, आपदा प्रबंधन और पर्यावरण निगरानी के लिए उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें खींचने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है। जीएनएसएस-आर समुद्र की सतह पर हवा का विश्लेषण, मिट्टी की नमी का आकलन और बाढ़ का पता लगाने के लिए रिमोट सेंसिंग क्षमताओं का प्रदर्शन करेगा।

एसआइसी यूवी डोसीमीटर गगनयान मिशन में पराबैंगनी विकिरण की निगरानी करेगा। इसरो लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) की तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान के माध्यम से पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ईओएस-08 को सफलतापूर्वक प्रक्षिप्त करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह एसएसएलवी-डी3 की तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान होगी।

 

 

 

 

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