Jaipur: जलते हुए लोग खेतों में दौड़े, जयपुर हादसे की खौफनाक दास्तान

Jaipur: जलते हुए लोग खेतों में दौड़े, जयपुर हादसे की खौफनाक दास्तान
Last Updated: 13 घंटा पहले

जयपुर में हुए भयावह सड़क हादसे की यादें लोगों के मन से अभी भी नहीं निकल पाई हैं। इस हादसे में 14 लोग जिंदा जल गए और 30 से ज्यादा लोग झुलस गए। घायल लोग खेतों में अपनी जान बचाने के लिए दौड़ रहे थे।

Jaipur gas tanker accident: राजस्थान के जयपुर में हुए एक भीषण सड़क हादसे के बाद से दिल दहला देने वाली कहानियां सामने आ रही हैं। इस दुर्घटना में 14 लोग जलकर मारे गए, जबकि 30 से अधिक लोग गंभीर रूप से झुलस गए। इस हादसे ने पूरे इलाके को एक आग के गोले में तब्दील कर दिया। हादसे को दो दिन बीत चुके हैं, लेकिन पीड़ितों की मदद की दर्दनाक और दिल को छू लेने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं।

एलपीजी गैस टैंकर से शुरू हुई आग

शुक्रवार की सुबह, जयपुर के भांककोटा इलाके में एक ट्रक ने एलपीजी गैस टैंकर को टक्कर मार दी, जिसके बाद गैस का रिसाव शुरू हो गया। देखते ही देखते, लगभग 18 टन गैस पूरे इलाके में फैल गई। इसके कुछ ही देर बाद एक जबरदस्त धमाके के साथ पूरा इलाका आग की लपटों में घिर गया। इस विस्फोट ने लगभग 300 मीटर के दायरे में स्थित सभी वाहनों और लोगों को अपनी चपेट में ले लिया।

किसान परिवार ने की झुलसे हुए लोगों की मदद

आग से बुरी तरह जलकर झुलसे लोग मदद के लिए इधर-उधर दौड़ते रहे। उसी दौरान, जयपुर-अजमेर हाईवे पर स्थित एक फार्महाउस के लोग उन्हें शरण देने के लिए आगे आए। घर के मुखिया भंवर लाल ने बताया कि पीड़ित लोग दर्द से तड़पते हुए पानी और कपड़े मांग रहे थे, उनके शरीर की खाल जल चुकी थी और वे मुश्किल से बोल पा रहे थे।

सीढ़ी के सहारे पहुंचाया अस्पताल

इस फार्महाउस से कंडोई अस्पताल काफी नजदीक था, लेकिन अस्पताल जाने के रास्ते में एक आठ फुट ऊंची दीवार खड़ी थी, जिसे पार करना पीड़ितों के लिए एक बड़ी चुनौती थी। ऐसे में राकेश सैनी नामक एक किसान ने मदद के हाथ बढ़ाए। उन्होंने अपनी सीढ़ी लगाई और झुलसे हुए लोगों को सहारा देकर अस्पताल तक पहुंचाया। राकेश ने बताया कि उन्होंने लगभग 30 लोगों को जलते हुए खेतों में भागते हुए देखा, सभी लोग दर्द से चिल्ला रहे थे।

अस्पताल में प्राथमिक इलाज शुरू

कंडोई अस्पताल के मालिक डॉ. रमन कंडोई ने बताया कि अस्पताल में करीब 30 गंभीर रूप से झुलसे लोग पहुंचे थे। अस्पताल में उनकी स्थिति बेहद गंभीर थी, और तुरंत उनका प्राथमिक इलाज शुरू किया गया। सभी पीड़ितों को राहत देने के लिए त्वरित उपचार प्रदान किया गया।

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