जयपुर में हुए गैस टैंकर विस्फोट में ड्राइवर की स्थिति ठीक है, और उसने घटना के बाद अपनी जान बचाने के लिए मौके से भागकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने की कोशिश की। पुलिस ने बताया कि दुर्घटना के बाद टैंकर के ड्राइवर ने टैंकर के मालिक को फोन कर घटना की सूचना दी।
राजस्थान: जयपुर-अजमेर हाइवे पर हुई एलपीजी टैंकर में भयंकर विस्फोट की दुर्घटना में बड़ा अपडेट सामने आया है। दुर्घटना के बाद टैंकर के ड्राइवर जयवीर, जो मथुरा के निवासी हैं, सुरक्षित निकले। पुलिस ने उनकी पहचान कर ली है और उनसे पूछताछ के लिए उन्हें जयपुर बुलाया है। पुलिस अधिकारी मनीष कुमार के अनुसार, टक्कर के बाद जयवीर ने टैंकर से कूदकर अपनी जान बचाई और फिर जयपुर की ओर भागने लगे। ड्राइवर ने दुर्घटना के बाद टैंकर के मालिक को फोन किया और घटना की सूचना दी।
SIT करेगी दुर्घटना की गहन जांच
जयपुर-अजमेर हाइवे पर हुए एलपीजी टैंकर विस्फोट मामले में पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) इस दुर्घटना की गहन जांच कर रही है। SIT अब टैंकर के ड्राइवर जयवीर से पूछताछ करेगी। मिली जानकारी के अनुसार, जयवीर ने हादसे के तुरंत बाद दिल्ली स्थित टैंकर मालिक अनिल पंवार को फोन कर दुर्घटना की सूचना दी थी। इसके बाद जयवीर ने अपना फोन बंद कर लिया, जिससे पुलिस के लिए उसकी लोकेशन का पता लगाना मुश्किल हो गया। अब SIT इस मामले में जयवीर से और जानकारी प्राप्त करने की कोशिश कर रही है, ताकि दुर्घटना के वास्तविक कारणों का पता चल सके और जिम्मेदार पक्षों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
क्या है पूरा मामला?
जयपुर-अजमेर हाईवे पर 20 दिसंबर को हुई एलपीजी टैंकर और ट्रक की टक्कर की दुर्घटना एक गंभीर हादसा साबित हुआ, जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई और 23 लोग घायल हो गए। अधिकारियों के अनुसार, दुर्घटना सुबह करीब 5:45 बजे हुई जब एलपीजी टैंकर ने अस्थायी यू-टर्न लिया, जो राजमार्ग पर निर्माण गतिविधियों के बीच यातायात को सुगम बनाने के लिए खोला गया था। इस दौरान, विपरीत दिशा से आ रहा एक चादर से लदा ट्रक टैंकर से टकरा गया।
टक्कर के बाद टैंकर के नोजल और सेफ्टी वाल्व टूट गए, जिससे गैस का रिसाव शुरू हो गया और कुछ ही समय में जोरदार धमाका हुआ। इस विस्फोट की चपेट में आए वाहनों के यात्री समय रहते भागने में असफल रहे, जिससे कई लोगों की जान चली गई।
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि दुर्घटना का मुख्य कारण सड़क की बिगड़ी हुई व्यवस्था, अचानक मोड़ और यातायात सेंस की कमी रही। जहां यह हादसा हुआ, वह सड़क का वह हिस्सा एक दुर्घटना-प्रवण क्षेत्र था, और निर्माण कार्य के कारण यातायात प्रबंधन भी ठीक से नहीं हो पाया, जिससे यह खतरनाक स्थिति उत्पन्न हुई।